Sonbhadra News: विशालकाय घड़ियाल से लोगों में दहशत, मचा हंड़कप

जुगैल थाना क्षेत्र के अगोरी किले के पास उस समय लोगों के बीच दहशत का माहौल बन गया। जब सोन नदी में विशालकाय घड़ियाल को देखा गया।

Post Published By: Deepika Tiwari
Updated : 10 July 2025, 8:32 PM IST
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सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के जुगैल थाना क्षेत्र के अगोरी किले के पास उस समय लोगों के बीच दहशत का माहौल बन गया। जब सोन नदी में विशालकाय घड़ियाल को देखा गया। अगोरी किले के पास घड़ियाल देखने से लोगों में हड़कंप की स्थित देखने को मिली।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक,  मध्य प्रदेश से बहकर विशालकाय घड़ियाल की आने की आशंका जताई जा रही। क्योकि सोन नदी का मूल श्रोत मध्य प्रदेश ही है और बहाव भी मध्य प्रदेश की तरफ से ही आता है। लोगों ने बताया कि घड़ियाल के गले में कॉलर आईडी लगी देखी गईं। मौके पर सीधी मध्य प्रदेश से पहुंचे सोन घड़ियाल अवकरण विभाग के कर्मचारी ने आशंका को पुख्ता कर दिया कि घड़ियाल मध्य प्रदेश से ही सोन नदी की धारा में अगोरी क्षेत्र में आया है।

 बच्चे नदी तरफ ना जाए

सोन घड़ियाल अवकरण विभाग सीधी के कर्मचारी जोकीलाल प्रजापती ने बताया कि अपना जो मेल घड़ियाल है वो अपने जोगदह स्थान से सोन नदी की धारा में विचरण करते हुए चोपन में आ गया है। घड़ियाल में रेडियो चिप लगी हुई है जिस वजह से ढूंढने में कोई दिक्कत नहीं होती। सेटेलाइट के माध्यम से उसका लोकेशन ट्रैक करके हम लोग यहां पर आए हैं। घड़ियाल 6-7 तारीख से यहां पर आया हुआ है। इससे किसी को हानि तो नहीं हो सकती है लेकिन एहतिहातन बच्चे नदी तरफ ना जाए। कभी भी घड़ियाल अपने बचाव के लिए हमला कर सकता है। जोकीलाल प्रजापती ने बताया हमारी टीम इसकी मॉनिटरिंग पूरी तरह से कर रही हैं।

जाल लगाने से घड़ियाल को समस्या

क्षेत्र के ग्रामीणों से समन्वय बना रहे हैं कि नदी में किसी भी तरह का जाल ना लगाए। जाल लगाने से घड़ियाल को समस्या हो सकती है। ग्रामीणों से निवेदन है कि उनको बचाने के लिए ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे समस्या उतपन्न हो। जोकीलाल ने बताया घड़ियाल पूरे विश्व में सिर्फ भारत में पाए जाते है और नेपाल में भी कहीं कही पाए जाते है। ये एक विलुप्त प्राणी हैज़ उनको बचाना जरूरी है। बारिश के समय में यह इधर आ जाते हैं पानी कम होते ही अपने स्थान पर वापस चले जाते हैं। घड़ियाल के रेस्क्यू और उसपर नज़र बनाये रखने के लिए हम लोग आए हैं। अभी हम लोग वन विभाग व अन्य संबंधित लोगों से संपर्क करेंगे और उनका सहयोग प्राप्त करेंगे।

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