

यूपी के सोनभद्र में कोन वन रेंज में वन भूमि पर अवैध कब्जा और पेड़ों की कटाई का मामला गंभीर रूप लेता जा रहा है। पढे़ं डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करते ग्रामीण
सोनभद्र: जिले के ओबरा वन प्रभाग के अंतर्गत कोन वन रेंज में वन भूमि पर अवैध कब्जा और पेड़ों की कटाई का मामला गंभीर रूप लेता जा रहा है। विभागीय निष्क्रियता और लापरवाही के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों ने सलैयादामर गांव में जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन रघुवर प्रसाद पासवान के नेतृत्व में हुआ, जिसमें क्षेत्रीय लोगों ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि बागेसोती बीट में झारखंड से आए लोगों ने उत्तर प्रदेश की सीमा में करीब 70 मीटर अंदर तक घर बना लिए हैं। खोहिया जंगल, ललुआखोह, बेवरा, अचरज, टेवना, भालुकूदर के धरनवा बॉर्डर, कोन के मिश्री और चांचीकलां जैसे कई स्थानों पर भी बड़े पैमाने पर वन भूमि पर अवैध कब्जा कर निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वन विभाग और राजस्व विभाग को बार-बार शिकायत देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
स्थानीय लोगों ने वन विभाग पर मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। लोगों का कहना है कि, विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से हरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और भूमि पर अवैध कब्जा हो रहा है। क्षेत्र की वन चौकियां वीरान पड़ी हैं, जहां न तो कोई गश्त होती है और न ही नियमित निरीक्षण। विभाग केवल कागजों में खानापूर्ति कर रहा है, जबकि मौके पर कोई जांच नहीं की जाती। कई बार शिकायतों के बावजूद अधिकारियों का फोन तक नहीं उठाया जाता।
मुख्यमंत्री की माफिया विरोधी नीति और 'जीरो टॉलरेंस' के दावे को वन विभाग के कर्मियों और स्थानीय भू-माफियाओं ने मज़ाक बना दिया है। कुछ दिन पूर्व जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने भी बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि किसी भी हाल में पेड़ों की कटाई और अवैध कब्जा नहीं होने चाहिए, लेकिन माफियाओं ने इन आदेशों को भी नजरअंदाज कर दिया।
चांचीकलां निवासी सत्यानंद चौबे ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत की है कि उनके क्षेत्र में अवैध कब्जा जारी है, लेकिन अधिकारियों ने सिर्फ फर्जी कागज तैयार किए और कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
अब यह देखना होगा कि विभागीय अधिकारी इस गंभीर मामले में क्या ठोस कार्रवाई करते हैं या फिर यह मामला भी फाइलों में ही दफन होकर रह जाएगा।