

सोनभद्र के सतबहनी नवाटोला गांव में बाउली में डूबने से मासूम छात्र दीपक की दर्दनाक मौत हो गई। मासूम की मौत से परिवार में कोहराम और गांव में मातम फैल गया।
बाउली में डूबने से एक मासूम बच्चे की मौत
Sonbhadra: जनपद सोनभद्र के बभनी थाना क्षेत्र अंतर्गत सतबहनी नवाटोला गांव से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां बाउली में डूबने से एक मासूम बच्चे की मौत हो गई। मृतक बच्चा दीपक कक्षा एक का छात्र था और तीन बहनों व दो भाइयों में सबसे बड़ा था। नहाने के दौरान यह दर्दनाक हादसा हुआ, जिससे पूरे गांव में शोक की लहर फैल गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, घटना शुक्रवार दोपहर की बताई जा रही है, जब गांव के कुछ बच्चे रोज की तरह पास की बाउली (पारंपरिक कुआं) में नहाने गए थे। उन्हीं में दीपक भी शामिल था। खेल-खेल में बच्चों ने पानी में उतरना शुरू किया। लेकिन दीपक अचानक गहरे पानी की ओर चला गया और डूबने लगा। उसके डूबने की यह घटना वहां मौजूद अन्य बच्चों ने देखी तो वे घबरा गए और भागकर परिजनों को सूचना दी।
सूचना मिलते ही दीपक के परिजन और अन्य ग्रामीण मौके पर दौड़े। लेकिन जब तक वे बाउली पर पहुंचे, तब तक दीपक पूरी तरह से पानी में समा चुका था। आनन-फानन में ग्रामीणों ने उसे बाहर निकाला और स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
दीपक की मौत की खबर सुनते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया। मां बेसुध हो गई, वहीं पिता गम के मारे कुछ बोल नहीं पा रहे थे। गांव के लोग भी इस दर्दनाक हादसे से बेहद आहत नजर आए। बच्चे की उम्र महज 6 साल थी और वह अपने माता-पिता की आंखों का तारा था।
ग्रामीणों ने बताया कि बाउली वर्षों पुरानी है और उसकी कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। इसके किनारे पर कोई घेराबंदी नहीं की गई है, जिससे बच्चों का उसमें गिरना या डूबना बेहद आसान हो जाता है। यह पहली बार नहीं है, जब इस बाउली में किसी की जान गई हो। इससे पहले भी कई बार छोटे हादसे हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
घटना की जानकारी मिलने पर क्षेत्रीय लेखपाल और बभनी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अधिकारियों ने परिजनों को आश्वासन दिया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस बाउली को या तो बंद किया जाए या फिर इसे सुरक्षित बनाया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। दीपक की असमय मौत ने न सिर्फ उसके परिवार को तोड़ दिया, बल्कि पूरे गांव को गहरे शोक में डाल दिया है।