

यूपी के सोनभद्र जनपद के ओबरा में चूड़ी गली वार्ड नंबर 11 में नाली निर्माण को लेकर ठेकेदारों की मनमानी देखने को मिली है। ग्रामीणों का कहना है कि शिकायतों के बावजूद प्रशासन बेपरवाह है।
ओबरा में नाली निर्माण बना भ्रष्टाचार
Sonbhadra: नगर पंचायत ओबरा के चूड़ी गली वार्ड नंबर 11 में चल रहे नाली निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार का आरोप सामने आया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ठेकेदार द्वारा बेहद घटिया स्तर की सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। निर्माण स्थल पर जो गिट्टी और सीमेंट इस्तेमाल हो रहा है, वह मानकों से बहुत ही नीचे दर्जे का है। लेकिन इसके बावजूद नगर पंचायत के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, ग्रामीणों और मोहल्लेवालों का आरोप है कि निर्माण में कोई गुणवत्ता नहीं बरती जा रही है। सुपरवाइजर, जिसे मौके पर जाकर निगरानी करनी चाहिए, वह भी शायद ठेकेदारों की मिलीभगत में शामिल है। लोग बताते हैं कि अधिकारी दफ्तरों से बाहर निकलने को तैयार नहीं और सुपरवाइजर ने तो शायद साइट देखी ही नहीं।
ठेकेदार बिना किसी मानक के निर्माण करा रहा है। न तो मिक्सिंग मशीन का प्रयोग हो रहा है और न ही सही अनुपात में सीमेंट और गिट्टी का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर यह नाली कुछ महीनों में टूट जाए तो कोई हैरानी नहीं होगी, क्योंकि इसका निर्माण ही बेहद कमजोर तरीके से किया जा रहा है।
रुक-रुक कर हो रही बारिश ने लोगों की परेशानी को और बढ़ा दिया है। जिन स्थानों पर नाली बनाई जा रही है, वहां की खुदाई से निकली मिट्टी और मलबा सड़क पर फेंक दिया गया है। बारिश के चलते यह मलबा कीचड़ में बदल गया है, जो घरों के अंदर तक घुस रहा है। बच्चों और बुजुर्गों का निकलना मुश्किल हो गया है। मोहल्ले के कई बच्चे इस कीचड़ में फिसल कर चोटिल भी हो चुके हैं।
नाली का काम बना मुसीबत, कीचड़ में फिसल रहे लोग
लोगों ने नगर पंचायत के अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से कई बार शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि, हमने तस्वीरें और वीडियो बनाकर अधिकारियों को भेजे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
निवासियों का कहना है कि भ्रष्टाचार इतना गहरा है कि जो भी अधिकारी इस व्यवस्था में आता है, वह या तो चुप हो जाता है या व्यवस्था का हिस्सा बन जाता है। लोगों ने मांग की है कि जिलाधिकारी स्वयं मामले का संज्ञान लें और मौके पर टीम भेजकर निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच कराएं।