

पुलिस की संयुक्त टीम ने एक मुठभेड़ के बाद चोरी और लूट की वारदातों को अंजाम देने वाले छह शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, मामले की पूरी जानकारी के लिए पढ़िए पूरी खबर
उत्तर प्रदेश पुलिस ( सोर्स - इंटरनेट )
Ballia: जिले की पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसओजी, सर्विलांस सेल, नगरा और उभाव पुलिस की संयुक्त टीम ने एक मुठभेड़ के बाद चोरी और लूट की वारदातों को अंजाम देने वाले छह शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह का एक सदस्य मौके से फरार हो गया। पुलिस ने इनके कब्जे से दो मंगलसूत्र, सात मोबाइल फोन, दो बाइक, एक तमंचा, दो कारतूस और नकद बरामद किया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने रविवार को पुलिस लाइन सभागार में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि नगरा और उभाव थाना क्षेत्र में सक्रिय लूटपाट गिरोह के कुछ सदस्य निछुआडीह फायर सर्विस के पास किसी वारदात की योजना बना रहे हैं। सूचना के आधार पर संयुक्त टीम ने घेराबंदी कर बदमाशों को पकड़ने की कोशिश की। इस दौरान एक बदमाश ने पुलिस पर फायरिंग कर दी, जिससे थानाध्यक्ष नगरा बाल-बाल बच गए।
पुलिस ने तत्परता और साहस का परिचय देते हुए छह अभियुक्तों को मौके से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:
1. सुनील यादव उर्फ बैल (निवासी मझवलिया, थाना उभांव, बलिया)
2. रवि कुमार (निवासी चाडी सराय सम्भल, थाना नगरा, बलिया)
3. आनंद कुमार (निवासी चाडी सराय सम्भल, थाना नगरा, बलिया)
4. रोहित कुमार (निवासी परती सुपापाली, थाना नगरा, बलिया)
5. अमित गुप्ता (निवासी गनेरिया, थाना रीदौली, बस्ती)
6. पुष्पेंद्र वर्मा (निवासी बस्ती, थाना रामपुर, मऊ) — जो लूटे गए जेवरात का खरीददार है।
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने बलिया जिले में कई लूट और चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है। इनमें 24 मई को जमुआव नहर पुलिया के पास मोटरसाइकिल सवार दंपति से मोबाइल और मंगलसूत्र की लूट तथा 7 जून को नगरा कस्बे में एक व्यक्ति से तमंचा दिखाकर मोबाइल लूटने की घटना शामिल है।
मुख्य आरोपी सुनील यादव ने बताया कि लूट का सामान सोनार पुष्पेंद्र वर्मा को बेचा गया था, जिससे दो मंगलसूत्र भी बरामद हुए हैं। वहीं, फरार आरोपी सतीश सैनी की तलाश की जा रही है। सभी गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 109(1), 317(2), 317(3), 310(4) BNS और आयुध अधिनियम की धारा 3/25 के तहत मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया। पुलिस की इस कार्रवाई से क्षेत्र में अपराधियों में हड़कंप है और नागरिकों ने राहत की सांस ली है।