

इकौना नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित मुक्तिधाम में सैकड़ों मूल्यवान वृक्षों की अवैध कटाई मामले में हिंदू संगठनों और स्थानीय व्यापारियों में भारी रोष। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
कार्यकर्ताओं ने नगर पंचायत इकौना को घेरा
श्रावस्ती: बिहार के श्रावस्ती जिले के इकौना नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित मुक्तिधाम में सैकड़ों मूल्यवान वृक्षों की अवैध कटाई का मामला सामने आने के बाद हिंदू संगठनों और स्थानीय व्यापारियों में भारी रोष देखा जा रहा है। दरअसल, बुधवार को हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने व्यापारी नेता कन्हैया कसौधन के नेतृत्व में नगर पंचायत इकौना का घेराव किया और एसडीएम इकौना ओमप्रकाश को एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि मुक्तिधाम में लगे शीशम, सागौन और अन्य कीमती पेड़ों को नगर पंचायत प्रशासन ने बिना किसी अनुमति के चोरी-छिपे कटवाकर बेच दिया। इस घटना ने न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि स्थानीय लोगों की धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं और व्यापारियों ने नगर पंचायत अध्यक्ष गजल चौधरी, उनके पति नसीम चौधरी और कार्यकारी अधिकारी (ईओ) के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए इकौना तहसील पहुंचे, जहां उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो व्यापारी समुदाय बाजार बंद कर उग्र आंदोलन शुरू करेगा। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मुक्तिधाम जैसे पवित्र स्थल पर इस तरह की हरकत न केवल प्रशासन की लापरवाही को दिखाती है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी उदासीनता को भी सामने लाती है।
हिंदू संगठनों ने लगाया आरोप
दरअसल, हिंदू संगठनों का आरोप है कि नगर पंचायत प्रशासन ने निजी स्वार्थ के लिए इन पेड़ों को काटकर बेचा, जिससे क्षेत्र की हरियाली को भारी नुकसान हुआ। स्थानीय लोगों का कहना है कि ये पेड़ न केवल मुक्तिधाम की शोभा बढ़ाते थे, बल्कि पर्यावरण संतुलन और छायादार वातावरण प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण थे। कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि इस मामले की गहन जांच की जाए और दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
बता दें कि इस घटना ने इकौना के स्थानीय समुदाय में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।