शारदीय नवरात्रि की शुरुआत: कलश स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा से शुरु हुआ पर्व

आज से शारदीय नवरात्रि का पर्व शुरू हो गया है, जो मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का पर्व है। पहले दिन की पूजा में कलश स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। यह दिन विशेष रूप से गृहस्थों के लिए होता है, जब वे देवी को अपने घर में आमंत्रित करते हैं।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 22 September 2025, 12:50 PM IST
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Bijnor: आज शारदीय नवरात्रि का पहला दिन है और भारत के विभिन्न हिस्सों में इस पर्व का धूमधाम से आयोजन शुरू हो गया है। यह नौ दिवसीय पर्व देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का है और इसे हिंदू धर्म में विशेष महत्व प्राप्त है। नवरात्रि का आरंभ घरों और मंदिरों में विशेष अनुष्ठान के साथ होता है, जो घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का आह्वान करते हैं।

शारदीय नवरात्रि का महत्व

शारदीय नवरात्रि को शक्ति की पूजा का पर्व भी कहा जाता है। ये वो समय है जब मां दुर्गा अपने नौ रूपों में प्रकट होती हैं और भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। इस पर्व का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है, क्योंकि इसे आध्यात्मिक उन्नति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्ति का एक प्रमुख अवसर माना जाता है। इन नौ दिनों में देवी दुर्गा की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।

कलश स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा

नवरात्रि के पहले दिन की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन कलश स्थापना की जाती है, जो देवी दुर्गा को घर में आमंत्रित करने का प्रतीक होता है। कलश स्थापना को शुभ मुहूर्त में किया जाता है और इसे घर की सुख-समृद्धि और सुरक्षा के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, जो देवी दुर्गा के पहले रूप के रूप में मानी जाती हैं। मां शैलपुत्री का संबंध हिमालय से है और उन्हें शांतिपूर्ण और आशीर्वाद देने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है।

Crowds of devotees gathered for darshan

दर्शन के लिए लगी श्रद्धालुओं की भीड़

पूजा की विधि

नवरात्रि के पहले दिन से ही अखंड ज्योति जलाने का विधान है। यह ज्योति पूरे नौ दिनों तक निरंतर जलती रहती है और इसे देवी के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान पूजा स्थल को पूरी तरह से साफ-सुथरा रखा जाता है और ध्यान रखा जाता है कि पूजा में कोई विघ्न न आए। नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से ध्यान रखना होता है कि अखंड ज्योति को बुझाने के लिए हवा या फूंक का इस्तेमाल न किया जाए।

घर पर माता का आगमन

चूंकि आज सोमवार है, तो घरों में माता का आगमन गज (हाथी) पर हो रहा है। यह शुभ संकेत है और घर में लक्ष्मी का वास होने की संभावना को बढ़ाता है। नवरात्रि के दौरान पूजा स्थल की साफ-सफाई और नियमों का पालन अत्यंत आवश्यक होता है। घरों में माता के स्वागत के लिए विशेष आभूषण, फूल और दीपक सजाए जाते हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखने की कोशिश की जाती है।

देशभर में श्रद्धा का माहौल

मिर्जापुर के विंध्यवासिनी धाम जैसे प्रमुख स्थलों पर आज हजारों श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की पूजा अर्चना की। इन पवित्र स्थलों पर भक्तों का तांता लगा हुआ है और पूरे दिन विशेष अनुष्ठान और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है। देवी के प्रति अपार श्रद्धा और विश्वास से भरे भक्तों का कहना है कि नवरात्रि के दौरान मां का आशीर्वाद उनकी जिंदगी में सुख-समृद्धि लाता है।

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