

देवरिया जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पिड़रा में रहने वाले दो युवक और एक महिला शुक्रवार सुबह सड़क हादसे का शिकार हो गए। कसया ओवरब्रिज पर बाइक से उतरते समय अचानक सामने से आ रहे तेज रफ्तार वाहन ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी।
भीषण सड़क हादसा
Deoria: देवरिया जनपद के कसया ओवरब्रिज पर शुक्रवार को सुबह का समय अचानक मातम में बदल गया। यहां एक दर्दनाक सड़क हादसे में दो किशोर और एक महिला की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि हादसा तब हुआ जब किशोर बाइक से तेज रफ्तार में ओवरब्रिज से नीचे उतर रहे थे और अचानक सड़क पार कर रही महिला को टक्कर मार दी। टक्कर के बाद बाइक अनियंत्रित होकर सीधे ट्रक में जा घुसी। इस भीषण हादसे में बाइक सवार किशन चौहान (17), उसका दोस्त अनूप कुमार (16) और महिला मुन्नी देवी की मौके पर ही जान चली गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, किशोर सड़क पर रील बनाने के लिए तेज रफ्तार में बाइक चला रहे थे। कसया ओवरब्रिज से उतरते समय उन्होंने सड़क पार कर रही महिला मुन्नी देवी को ठोकर मारी और संतुलन बिगड़ने से बाइक ट्रक से जा टकराई। हादसा इतना भयावह था कि बाइक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और सभी को गंभीर चोटें आईं। उन्हें तत्काल महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।
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मृतकों में किशन चौहान, जो सदर कोतवाली क्षेत्र के वार्ड नंबर नौ का निवासी था, उसके साथ रघवापुर वार्ड का दोस्त अनूप कुमार और महिला मुन्नी देवी शामिल हैं। मुन्नी देवी सड़क किनारे ही रहती थीं और हादसे के वक्त सड़क पार कर रही थीं। घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। ग्रामीणों ने प्रशासन से पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की।
यह हादसा कई सवाल खड़े करता है। नाबालिग किशोरों के हाथों में बाइक की चाबी आखिर क्यों दी गई? हाल ही में खरीदी गई बाइक को परिजनों ने जिम्मेदारी से रोकने के बजाय बच्चों को सौंप दिया। नतीजा यह हुआ कि तीन मासूम जिंदगियां समय से पहले खत्म हो गईं। साथ ही यातायात पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि तीन किशोर बिना हेलमेट एक ही बाइक पर कैसे फर्राटा भरते रहे और किसी की नजर उन पर क्यों नहीं पड़ी? यह लापरवाही अब तीन घरों में मातम बनकर छा गई है।
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घटना के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। लोग मान रहे हैं कि यदि अभिभावक और प्रशासन सख्ती बरतते तो यह हादसा टल सकता था। यह घटना समाज के लिए भी एक सबक है कि नाबालिग बच्चों को वाहन सौंपना खतरनाक साबित हो सकता है।