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बलरामपुर में डीएम डॉ. विपिन जैन ने 76 पात्र पट्टाधारकों को खतौनी एवं भूमि अभिलेख सौंपे। विशेष अभियान के तहत वर्षों से लंबित मामलों का निस्तारण कर पट्टाधारकों को उनके वैधानिक अधिकार दिलाए गए।
Balrampur: जिले में पट्टाधारकों को उनके वैधानिक भूमि अधिकार दिलाने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा लगातार प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को जिलाधिकारी डॉ. विपिन जैन ने तहसील तुलसीपुर सभागार में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर 76 पात्र पट्टाधारकों को उनकी पट्टे की जमीन से संबंधित खतौनी एवं भूमि अभिलेख सौंपे। इस पहल से वर्षों से अपने अधिकारों की प्रतीक्षा कर रहे पट्टाधारकों को बड़ी राहत मिली है।
10 वर्षों की अवधि के लिए आवंटित
जिलाधिकारी डॉ. विपिन जैन ने बताया कि पट्टाधारकों को दी जाने वाली भूमि प्रारंभिक रूप से असंक्रमणीय होती है, जिसे 10 वर्षों की अवधि के लिए आवंटित किया जाता है। इस अवधि के दौरान पट्टाधारक न तो भूमि का विक्रय कर सकते हैं और न ही उस पर किसी प्रकार का ऋण ले सकते हैं। निर्धारित 10 वर्ष की अवधि पूर्ण होने के बाद भूमि संक्रमणीय हो जाती है, जिसके पश्चात पट्टाधारकों को विधिवत खतौनी एवं अन्य भूमि अभिलेख उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है।
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सरकार की नीति साफ़
उन्होंने बताया कि पूर्व में तहसील तुलसीपुर के निरीक्षण के दौरान यह गंभीर तथ्य सामने आया था कि कई पट्टाधारकों की 10 वर्ष की अवधि पूरी हो जाने के बावजूद उन्हें अब तक खतौनी एवं अन्य आवश्यक भूमि कागजात नहीं दिए गए थे। इससे न केवल पट्टाधारकों को अपने अधिकारों का लाभ नहीं मिल पा रहा था, बल्कि वे विभिन्न सरकारी योजनाओं और सुविधाओं से भी वंचित रह जाते थे।
राजस्व अधिकारियों को सख्त निर्देश
इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने संबंधित राजस्व अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि सभी पात्र पट्टाधारकों को उनके भूमि अभिलेख उपलब्ध कराने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाए। अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि कोई भी पात्र व्यक्ति अपने वैधानिक अधिकारों से वंचित न रहे और सभी मामलों का निस्तारण पारदर्शी एवं समयबद्ध ढंग से किया जाए।
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76 पट्टाधारकों को खतौनी और अन्य भूमि दस्तावेज सौंपे गए
इसी अभियान के तहत संपूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर तहसील तुलसीपुर सभागार में 76 पट्टाधारकों को खतौनी और अन्य भूमि दस्तावेज सौंपे गए। दस्तावेज प्राप्त करते ही पट्टाधारकों के चेहरों पर खुशी साफ नजर आई। कई लाभार्थियों ने कहा कि वर्षों बाद उन्हें अपनी जमीन के वैध कागजात मिले हैं, जिससे अब वे बिना किसी भय के अपनी भूमि पर खेती और अन्य कार्य कर सकेंगे।
जिलाधिकारी डॉ. विपिन जैन का सख्त आदेश
जिलाधिकारी डॉ. विपिन जैन ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो। उन्होंने कहा कि पट्टाधारकों को समय पर भूमि अभिलेख उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी स्तर पर अनावश्यक देरी या लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।