

उत्तर प्रदेश जल निगम संघर्ष समिति के बैनर तले रायबरेली में शुक्रवार को जल निगम के कर्मचारियों के द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया। कर्मचारियों ने अपनी पीड़ा का बयान करते हुए बताया कि पिछले 6 माह से उन्हें बकाया वेतन नही मिला है जिसके बाद वे सब आज कार्यालय पर पहुंचे और प्रदर्शन किया साथ ही जिले की डीएम हर्षिता माथुर को ज्ञापन देते हुए न्याय की मांग की।
जल निगम कर्मचारी का प्रदर्शन
Raebareli: उत्तर प्रदेश जल निगम संघर्ष समिति के बैनर तले रायबरेली में शुक्रवार को जल निगम के कर्मचारियों के द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया। कर्मचारियों ने अपनी पीड़ा का बयान करते हुए बताया कि पिछले 6 माह से उन्हें बकाया वेतन नही मिला है जिसके बाद वे सब आज कार्यालय पर पहुंचे और प्रदर्शन किया साथ ही जिले की डीएम हर्षिता माथुर को ज्ञापन देते हुए न्याय की मांग की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जल निगम कर्मियों ने बताया कि पेंशनरों के जीवन से जुड़ी मूलभूत समस्याओं का निराकरण भी नही हुआ है। कर्मचारियों ने आज जिला अधिकारी के माध्यम से नगर विकास मंत्री को एक ज्ञापन भेजा जिसमें साफ तौर से मांग की गई है कि 6 माह का बकाया वेतन दिलाया जाए। साथ मे पेंशन एरियर का भुगतान कराया जाए।
जल निगम संघ के जिला सहसंयोजक देवेंद्र कुमार द्विवेदी ने बताया कि हम लोगों की सबसे बड़ी समस्या है कि हमें वेतन नहीं मिल रहा है। जिस कारण स्कूल की पढ़ाई घर का खर्च निकालना मुश्किल हो गया है। सामाजिक स्तर पर हम लोगों को इस प्रकार से देखा जा रहा है कि हम घरेलू चीजों की व्यवस्थाओं को भी नहीं खरीद पा रहे हैं। जिलाधिकारी के माध्यम से हमने ज्ञापन दिया है। शासन स्तर तक यह समस्या पहुँचाने के लिये मांग पत्र सोंपा है । इससे पहले हमारे धरने मुख्यालय स्तर पर चल रहे थे। हमारी सैलरी दी जाए डिवीजन की उच्च अधिकारी हमारे सहयोग में है। उनको भी वेतन नहीं मिल पा रहा है।
जूनियर इंजीनियर नगरीय रायबरेली के पदाधिकारी सत्य प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि इस सरकार में 6 माह से वेतन नहीं मिला है। हमारे रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन लंबित है। हमारी मांगे हैं कि आज तक पूरे प्रदेश के सभी डिवीजन में आज धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। 6 महीने से हमारे 26000 कर्मचारियों को वेतन नही नहीं मिल रहा है जिनमें पेंशनर भी शामिल है। हमे छठे वेतन आयोग से सातवें वेतन आयोग में शामिल किया जाए। पेंशन कर्मचारियों का एरियर भी हमें दिया जाए। यह सब हमें ट्रेजरी के माध्यम से दी जाए।