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रायबरेली के जगतपुर ब्लॉक में माइनर की पटरी कटने से करीब 20 किसानों की 50 बीघा गेहूं और सरसों की फसल जलमग्न हो गई। किसानों ने सिंचाई विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग की है।
किसानों में आक्रोश
Raebareli: जिले में सिंचाई विभाग की माइनरों की सफाई और रखरखाव व्यवस्था की पोल एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। जगतपुर ब्लॉक क्षेत्र में भीख माइनर से निकली केवलपुर बरेथा माइनर की पटरी कट जाने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। माइनर की पटरी टूटते ही आसपास के खेतों में पानी भर गया, जिससे लगभग 20 किसानों की करीब 50 बीघा गेहूं और सरसों की फसल जलमग्न हो गई। अचानक हुए इस नुकसान से किसानों में आक्रोश और निराशा का माहौल है।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को जब माइनर में सिंचाई के लिए पानी छोड़ा गया, तो पहले से कमजोर पटरी पानी का दबाव सहन नहीं कर सकी और कट गई। पटरी कटते ही माइनर का तेज बहाव खेतों की ओर मुड़ गया और देखते ही देखते खेतों में पानी भर गया। किसानों का कहना है कि जब तक वे कुछ समझ पाते, तब तक उनकी खड़ी और तैयार फसल पूरी तरह पानी में डूब चुकी थी।
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इस घटना में प्रभावित किसानों में राम प्रसाद, चांदनी, हरिश्चंद्र, गणेश, श्यामलाल, सुरजपाल, रामसजीवन, महेश, इन्द्रदेव, लालती, शैलेंद्र सहित कुल 20 किसान शामिल हैं। किसानों ने बताया कि गेहूं की फसल पककर लगभग कटाई के लिए तैयार थी, जबकि सरसों की फसल भी अंतिम चरण में थी। ऐसे समय में जलभराव होने से फसल के सड़ने और पूरी तरह बर्बाद होने की आशंका है, जिससे उन्हें लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।
किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग द्वारा माइनरों की सफाई और मरम्मत केवल कागजी खानापूर्ति तक सीमित है। समय रहते यदि माइनर से गाद, झाड़ियां और कमजोर हिस्सों की मरम्मत कर दी जाती, तो यह हादसा नहीं होता। किसानों ने कहा कि हर साल माइनरों की सफाई के नाम पर बजट खर्च दिखाया जाता है, लेकिन जमीनी स्तर पर काम नजर नहीं आता, जिसका खामियाजा उन्हें इस तरह भुगतना पड़ता है।
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घटना के बाद किसानों ने तुरंत सिंचाई विभाग को सूचना दी, लेकिन काफी देर तक कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। इससे किसानों की नाराजगी और बढ़ गई। कई किसानों ने आरोप लगाया कि यदि समय रहते पानी बंद कर दिया जाता, तो नुकसान कुछ हद तक कम हो सकता था।
ग्राम प्रधान तेजभान ने बताया कि माइनर कटने की सूचना तत्काल सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दी गई थी, लेकिन कोई भी अधिकारी मौके पर निरीक्षण करने नहीं आया। उन्होंने कहा कि यह लापरवाही किसानों के साथ अन्याय है और इसकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।
बाद में सहायक अभियंता बालचंद्र भारती ने बताया कि माइनर कटने की सूचना उन्हें प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि पानी को तत्काल बंद करा दिया गया है और जल्द ही पटरी की मरम्मत कराई जाएगी। साथ ही नुकसान का आकलन भी कराया जाएगा।