केंद्र सरकार के नए कानूनों का विरोध, आज़ाद अधिकार सेना ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

फतेहपुर के खागा तहसील मुख्यालय पर शुक्रवार को आज़ाद अधिकार सेना ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी अभिनीत कुमार को सौंपा। पढ़ें पूरी खबर

फतेहपुर:  उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के खागा तहसील मुख्यालय पर शुक्रवार को आज़ाद अधिकार सेना ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी अभिनीत कुमार को सौंपा। संगठन ने राष्ट्रपति से अपील की कि इन कानूनों पर हस्ताक्षर न किए जाएं और इन्हें पुनर्विचार के लिए संसद में वापस भेजा जाए।

कानून लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर...

Maharajganj News: जल जीवन मिशन की समीक्षा में बड़ा एक्शन, विवादित संस्था ऋत्विक-कोया पर लगा करोड़ों का जुर्माना

जानकारी के मुताबिक,   संगठन का कहना है कि सरकार द्वारा लाए गए ये कानून लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करने वाले हैं। इनमें प्रावधान है कि यदि कोई जनप्रतिनिधि या संवैधानिक पदाधिकारी 30 दिन तक जेल में रहता है और उसे जमानत नहीं मिलती, तो वह 31वें दिन से अपने पद के लिए स्वतः अयोग्य हो जाएगा। संगठन नेताओं का आरोप है कि भाजपा इन कानूनों का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए कर रही है, जबकि उसके समर्थक नेताओं को बचाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जाएगा।

कानून लोकतांत्रिक अधिकारों का सीधा हनन..

जानकारी के मुताबिक,  मंडल अध्यक्ष रामेंद्र चौधरी ने कहा कि यह कानून लोकतांत्रिक अधिकारों का सीधा हनन है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपनी सत्ता बचाने और विपक्ष को कमजोर करने के लिए ऐसे काले कानून ला रही है। संगठन के नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इन्हें लागू करने की कोशिश की तो पूरे देशभर में व्यापक आंदोलन किया जाएगा।

Share Market: छह दिनों की तेजी के बाद HDFC और रिलायंस में बिकवाली से बाजार ध्वस्त, 694 अंक लुढ़ककर बंद हुआ सेंसेक्स

कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारे लगाए...

ज्ञापन सौंपने वालों में जिला महासचिव सुरेश कुमार, अब्दुल हामिद, राजू सिद्दीकी और मोहम्मद हबीब अल्कास मौजूद रहे। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारे लगाए और कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए वे सड़क से संसद तक संघर्ष करेंगे।

बाल देखभाल अवकाश पर सुप्रीम कोर्ट का रुख: न्यायिक अधिकारियों को 730 दिन तक अवकाश का अधिकार, जानें ऐसा क्यों बोला

 

Location : 
  • Fatehpur

Published : 
  • 22 August 2025, 8:17 PM IST