Maharajganj News: जल जीवन मिशन की समीक्षा में बड़ा एक्शन, विवादित संस्था ऋत्विक-कोया पर लगा करोड़ों का जुर्माना

जिले में जल जीवन मिशन के तहत चल रही परियोजनाओं की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्य विकास अधिकारी अनुराज जैन की अध्यक्षता में हुई। बैठक में कार्यदाई संस्थाओं की प्रगति परखते हुए सीडीओ ने जहां जेएमसी और कोया की रिपोर्ट पर चर्चा की, वहीं ऋत्विक-कोया की लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाते हुए 5 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोक दिया।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 22 August 2025, 7:55 PM IST
google-preferred

Maharajganj: जिले में जल जीवन मिशन के तहत चल रही परियोजनाओं की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्य विकास अधिकारी अनुराज जैन की अध्यक्षता में हुई। बैठक में कार्यदाई संस्थाओं की प्रगति परखते हुए सीडीओ ने जहां जेएमसी और कोया की रिपोर्ट पर चर्चा की, वहीं ऋत्विक-कोया की लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाते हुए 5 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोक दिया।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार अधिशासी अभियंता जल निगम ने जानकारी दी कि फेज–II में जेएमसी की 341 परियोजनाओं से 446 ग्राम पंचायतें, फेज–III में कोया की 205 परियोजनाओं से 345 ग्राम पंचायतें और ऋत्विक की 174 परियोजनाओं से 302 ग्राम पंचायतें आच्छादित हैं। सीडीओ ने तीनों एजेंसियों को निर्देश दिया कि ट्यूबवेल, पंप हाउस, ओएचटी सहित अन्य कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करें।

सीडीओ ने खासतौर पर कोया की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई और आधा प्रतिशत एलडी चार्ज लगाने का आदेश दिया। चेतावनी दी गई कि अगर आने वाले समय में अपेक्षित सुधार नहीं दिखा तो संस्था को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। भूमि विवाद के निस्तारण में सुस्ती दिखाने पर डीसी डीपीएमयू को भी फटकार लगाई गई।

सूत्रों के अनुसार, जनपद में जल जीवन मिशन के अंतर्गत ऋत्विक-कोया कंपनी को लगभग 700 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का कार्यभार सौंपा गया है। यह परियोजना ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। हालांकि, कंपनी द्वारा लगातार की जा रही लापरवाही, निर्माण कार्यों में देरी, गुणवत्ता में कमी और स्थानीय स्तर पर उभरते विवादों के कारण संस्था पर सवाल उठने लगे हैं। इन कारणों से यह कंपनी अक्सर सुर्खियों में बनी रहती है और जनता के बीच असंतोष का कारण भी बनती जा रही है।

Maharajganj Crime: चौक में अनुसूचित जाति की महिला पर हमला, थाने में दी तहरीर

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ने कड़ा रुख अपनाया और समीक्षा बैठक के दौरान संस्था पर भारी आर्थिक जुर्माना लगाया। सीडीओ ने स्पष्ट किया कि जनहित से जुड़े कार्यों में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और यदि कंपनी समयबद्ध व गुणवत्ता पूर्ण कार्य नहीं करती है, तो आगे और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे। इस समीक्षा बैठक में अधिशासी अभियंता जल निगम आतिफ हुसैन सहित कई अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में परियोजना की प्रगति, तकनीकी खामियों और भविष्य की कार्ययोजना पर गहन चर्चा हुई। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे कार्यों की नियमित निगरानी करें और शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करें, ताकि मिशन के उद्देश्यों को समय पर पूरा किया जा सके।

Maharajganj News: एक बार फिर टूटा महाव नाला तटबंध, डूबने की कगार पर फसलें, ग्रामीणों में भयंकर आक्रोश

Location :