Protest In Sonbhadra: ओबरा में मजदूरी को लेकर संविदा मजदूरों का फूटा गुस्सा, गांधी मैदान में धरने पर बैठे

सोनभद्र जनपद में ओबरा सी परियोजना में मजदूरी नहीं मिलने से भड़के मजदूर, कंपनियों पर मजदूरी रोकने का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठे।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 3 July 2025, 12:08 PM IST
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Sonbhadra: ओबरा स्थित निर्माणाधीन ओबरा सी परियोजना में कार्यरत संविदा मजदूरों ने एक बार फिर मजदूरी न मिलने के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। पिछले तीन माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद वेतन नहीं मिलने से नाराज मजदूरों ने गुरुवार को कार्य बहिष्कार करते हुए ओबरा के गांधी मैदान में जोरदार धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। मजदूरों के इस आंदोलन से परियोजना के कार्यों पर भी असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, धरने पर बैठे मजदूरों का कहना है कि कंपनी में ठेके पर कार्य करा रहीं पांच उपकंपनियों ने पिछले कई महीनों से उनका मेहनताना नहीं दिया है। लगातार मांग करने के बावजूद मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया, जिससे अब उनके सामने गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। मजदूरों ने बताया कि मजदूरी न मिलने के कारण उनके घरों में राशन की भारी किल्लत हो गई है और परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है।

भुखमरी और बच्चों की पढ़ाई बनी सबसे बड़ी चिंता

मजदूरों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि स्कूल खुल चुके हैं लेकिन वे बच्चों की फीस, किताबें, कॉपी और यूनिफॉर्म का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है। कई मजदूरों ने यह भी बताया कि बीमार परिजनों का इलाज तक नहीं करा पा रहे हैं।

Contract Workers Protest in sonbhdra

गांधी मैदान में धरने पर बैठे मजदूर

बिजली विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे, समझाने में जुटे

धरने की सूचना मिलते ही बिजली विभाग और परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मजदूरों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया, लेकिन मजदूर अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक सभी मजदूरों को लंबित वेतन नहीं दिया जाता, तब तक धरना जारी रहेगा।

कंपनियों पर मजदूरी रोकने का आरोप

धरने पर बैठे मजदूरों ने बताया कि ओबरा सी परियोजना में कार्यरत दूसान कंपनी के अंतर्गत जिन ठेकेदारों के माध्यम से कार्य लिया जा रहा है, उनमें से पाँच उपकंपनियों ने भुगतान रोक रखा है। इसमें कार्यरत सैकड़ों मजदूर सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं। मजदूरों का कहना है कि उन्होंने अपनी मेहनत और पसीने से कंपनी का निर्माण कार्य आगे बढ़ाया है, लेकिन अब उनके साथ धोखा किया जा रहा है।

प्रशासन से मदद की गुहार

मजदूरों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि उनकी मजदूरी का तत्काल भुगतान सुनिश्चित कराया जाए और दोषी उपकंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अगर जल्द उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।

अब देखना यह है कि प्रशासन और कंपनी प्रबंधन इस मामले में क्या ठोस कदम उठाते हैं।

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