

जालौन में एसडीआरएफ जवानों व अधिकारियों ने यमुना नदी के तटवर्ती इलाकों में निरीक्षण किया और माक ड्रिल की तैयारियों का जायजा लिया। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़ें पूरी खबर
निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारी
जालौन: कालपी में यमुना नदी में हर साल आने वाली भीषण बाढ़ और भारी बारिश के खतरे से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी क्रम में उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में एसडीआरएफ की टीम ने यमुना नदी के तटवर्ती क्षेत्रों का दौरा किया और मॉक ड्रिल की योजना को अंतिम रूप दिया। इस पहल का उद्देश्य बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में नागरिकों को सुरक्षित रखने और उन्हें रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए जागरूक करना है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यमुना नदी की बाढ़ पिछले कई वर्षों से कालपी के कई मोहल्लों और आसपास के गांवों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है। हर साल बरसात के मौसम में नदी का जलस्तर बढ़ने से कई इलाके जलमग्न हो जाते हैं, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होता है। इस समस्या से निपटने के लिए प्रशासन ने व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू की हैं। इसी कड़ी में एसडीआरएफ की टीम ने लखनऊ से आए अपने जवानों के साथ कालपी नगर के यमुना तट पर स्थित किला घाट, पीला घाट और बाई घाट जैसे संवेदनशील क्षेत्रों का गहन निरीक्षण किया।
मौके पर ये रहे उपस्थित
इस दौरान उप जिलाधिकारी सुशील कुमार सिंह, क्षेत्राधिकारी अवधेश कुमार सिंह, तहसीलदार अभिनव कुमार तिवारी, कोतवाली इंस्पेक्टर मुहम्मद अशरफ और नगर पालिका कालपी के अधिशासी अधिकारी अवनीश कुमार शुक्ला भी मौजूद रहे।
इस दिन होगा मॉक ड्रिल
उप जिलाधिकारी सुशील कुमार सिंह ने बताया कि निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य बाढ़ की तैयारी को सुनिश्चित करना और नागरिकों को बाढ़ से बचाव के लिए प्रशिक्षित करना है। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में एसडीआरएफ की टीम द्वारा पीला घाट और बाई घाट के बीच एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा, जिसमें नागरिकों को बाढ़ और भारी बारिश के दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन और सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जाएगी। यह मॉक ड्रिल 26 जून को प्रस्तावित है, जिसमें जिला स्तरीय प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।
इस मॉक ड्रिल के माध्यम से न केवल नागरिकों को आपदा प्रबंधन की जानकारी दी जाएगी, बल्कि प्रशासन और एसडीआरएफ की तैयारियों का भी आकलन किया जाएगा। उप जिलाधिकारी ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं, ताकि बाढ़ जैसी स्थिति में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जा सके।
कालपी के नागरिकों का कहना है कि हर साल बाढ़ के कारण उनकी आजीविका और संपत्ति को भारी नुकसान होता है। ऐसे में प्रशासन और एसडीआरएप की यह पहल उनके लिए उम्मीद की किरण लेकर आई है। इस मॉक ड्रिल और प्रशिक्षण कार्यक्रम से न केवल बाढ़ से बचाव के उपाय सिखाए जाएंगे, बल्कि आपदा के समय में सामुदायिक सहयोग और समन्वय को भी बढ़ावा मिलेगा।