

गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में एक बार फिर बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। सिंचाई विभाग के अनुसार गंगा में अगले दो से तीन दिनों में एक से डेढ़ मीटर तक पानी बढ़ सकता है। वहीं यमुना में भी हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए 2,38,751 क्यूसेक पानी का असर चार-पांच दिनों में दिखाई देगा।
गंगा-यमुना में फिर बढ़ेगा जलस्तर
Prayagraj: गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में एक बार फिर बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। सिंचाई विभाग के अनुसार गंगा में अगले दो से तीन दिनों में एक से डेढ़ मीटर तक पानी बढ़ सकता है। वहीं यमुना में भी हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए 2,38,751 क्यूसेक पानी का असर चार-पांच दिनों में दिखाई देगा। इससे यमुना का जलस्तर करीब एक मीटर बढ़ने का अनुमान है।
उत्तराखंड में लगातार बारिश हो रही है। रामगंगा नदी भी उफान पर है, जिससे गंगा के जलस्तर पर सीधा असर पड़ रहा है। सिंचाई विभाग की ताजा रिपोर्ट में सोमवार को गंगा का जलस्तर प्रति घंटा तीन सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा था, जबकि मंगलवार को इसमें मामूली कमी देखी गई। विभाग का कहना है कि फिलहाल गंगा और यमुना में एक साथ पानी नहीं आ रहा है, जिससे कुछ राहत है। हालांकि, आने वाले हालात राजस्थान और पहाड़ों की बारिश पर निर्भर करेंगे।
गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी
गंगा के बढ़ते जलस्तर का सबसे बड़ा असर कछार क्षेत्र के लोगों पर पड़ रहा है। यहां बसे परिवारों में एक बार फिर बाढ़ का डर सताने लगा है। बघाड़ा के शिव मंदिर के पास की बस्ती और बेली कछार, नेवादा जैसे निचले इलाकों में लोग आशंकित हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जैसे ही खतरे का निशान पार होता है, सबसे पहले इन इलाकों में पानी घुस जाता है।
राजेश यादव ने बताया कि प्रशासन से अलर्ट जारी होने और लगातार हो रही बारिश की खबरों के चलते लोग चिंतित हैं। वहीं अभिषेक सिंह ने कहा कि जलस्तर कितना बढ़ेगा, इसका अंदाजा किसी को नहीं है, लेकिन खतरा टलता हुआ नहीं दिख रहा। इसी कारण ज्यादातर लोगों ने अभी तक अपना सामान प्रथम तल से नीचे नहीं लाया है।
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बेली कछार की गायत्री देवी और राजापुर कछार के सत्यम ने बताया कि उनके घरों में पहले भी दो बार पानी घुस चुका है। अब अगर जलस्तर और बढ़ा तो हालात और खराब हो जाएंगे। यह दर्द कछार के लगभग सभी परिवारों का है, जो हर बार बाढ़ की मार झेलते हैं।
गंगा और यमुना के जलस्तर में संभावित बढ़ोतरी को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। एडीएम वित्त एवं राजस्व विनीता सिंह ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों के एसडीएम और संबंधित विभागों को तैयारी पूरी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जलस्तर बढ़ने की संभावना को देखते हुए बचाव और राहत व्यवस्था दुरुस्त करने के आदेश दिए गए हैं।