

बैंक कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर मंडल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
कर्मचारी प्रदर्शन में उतरे
कानपुर: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के कर्मचारियों ने बिरहाना रोड स्थित मंडल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन PNB प्रो-इंप्लाइज एसोसिएशन के बैनर तले आयोजित हुआ।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, जिसमें बैंक प्रबंधन की ओर से जारी किए गए नये–नये निर्देशों और आदेशों का कड़ा विरोध किया गया।
‘एकतरफा फरमान’ पर वकीलों का आरोप
प्रदेश चेयरमैन संजय त्रिवेदी ने प्रदर्शन स्थल से बताया कि प्रबंधन ने कर्मचारियों को मोबाइल ऐप पर हाजिरी, ग्राहक मूल्यांकन के लिए QR कोड और जमा एवं रिटेल लोन योजनाओं में शामिल होने जैसे निर्देश अनिवार्य कर दिए हैं, जबकि ये सभी श्रम कानूनों का उल्लंघन हैं। साथ ही उन्होंने यह आरोप लगाया कि प्रबंधन प्राथमिकता न देने के बावजूद क्षेत्रीय श्रमायुक्त लखनऊ को आश्वासन देता रहता है।
कर्मचारी कमी के चलते ग्राहक सेवा प्रभावित
सहायक महामंत्री मोहम्मद फाजिल ने कहा कि बैंकों में स्टाफ की कमी लगातार बढ़ रही है, जिससे ग्राहकों को लंबा इंतजार और असुविधा झेलनी पड़ रही है। उन्होंने आरबीआई की गाइडलाइन का हवाला देते हुए कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग काउंटर, बिगड़े नोट बदलने हेतु अलग काउंटर और हेल्प डेस्क होनी चाहिए, लेकिन इन दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा।
उप प्रमुख श्रमायुक्त को दिया नोटिस
प्रदर्शनकारियों ने सात जुलाई को बैंक कर्मियों की हड़ताल की चेतावनी दी है। इस सिलसिले में उप मुख्य श्रमायुक्त (केंद्रीय), कानपुर को आधिकारिक नोटिस भी सौंप दिया गया है। प्रदर्शन में अरविंद कुशवाहा, यूसी गुप्ता, पुरेंद्र शुक्ला, जीत नारायण, उपेंद्र कुशवाहा, उपेंद्र कुमार, हरिओम पाल, देवराज, अमित कुमार, श्याम मिश्रा, राज कुमार आदि नेता भी उपस्थित रहे।
बैंक कर्मचारियों की मांगें
• QR कोड पर ग्राहक मूल्यांकन ना हो, वैकल्पिक व्यवस्था हो
• मोबाइल ऐप से हाजिरी अवैध, पारंपरिक तरीकों की वापसी हो
• स्तरीय कर्मचारियों की कमी दूर हो, अतिरिक्त भर्ती की जाए
• RBI निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुविधाएँ
आगामी हड़ताल के प्रभाव की संभावनाएं
यदि हड़ताल 7 जुलाई को होती है तो बजट समय, ग्राहक सेवा केंद्रों की कार्यशैली प्रभावित हो सकती है। यह बैंकिंग सेवाओं में स्थगन, ट्रांजेक्शन में देरी और ग्राहक असंतोष को जन्म दे सकता है। कर्मचारी संगठन का कहना है कि हड़ताल के बाद भी यदि मांगों पर कोई ठोस रुख नहीं दिखाता तो और कड़े कदम उठाए जाएंगे।