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गोरखपुर में किसान दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डीएम दीपक मीणा ने किसानों की समस्याएं सुनकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। कार्यक्रम किसानों और प्रशासन के बीच संवाद का मजबूत मंच बना।
Gorakhpur: गोरखपुर जनपद में किसान दिवस के अवसर पर एनेक्सी सभागार में आयोजित कार्यक्रम किसानों के सम्मान के साथ-साथ उनकी समस्याओं के समाधान का प्रभावी मंच बनकर उभरा। देश के पूर्व प्रधानमंत्री एवं किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम में जिले भर से पहुंचे किसानों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों की आवाज को सीधे प्रशासन तक पहुंचाना और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करना रहा।
चौधरी चरण सिंह को दी गई श्रद्धांजलि
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ नेता राधेश्याम सिंह और विशिष्ट अतिथि जिलाधिकारी दीपक मीणा ने चौधरी चरण सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर डीएम दीपक मीणा ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने अपना पूरा जीवन किसानों के अधिकार, सम्मान और आत्मनिर्भरता के लिए समर्पित कर दिया। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और प्रशासन का दायित्व है कि उनके आदर्शों को व्यवहार में उतारा जाए।
किसानों की समस्याओं को गंभीरता से सुना गया
किसान दिवस के दौरान जिले के विभिन्न विकास खंडों से आए सैकड़ों किसानों ने अपनी समस्याएं खुलकर रखीं। डीएम ने किसानों की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और कई मामलों में मौके पर ही संबंधित विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। इससे किसानों में प्रशासन के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ।
खाद की कालाबाजारी पर सख्त चेतावनी
खाद की कालाबाजारी और अनियमितताओं का मुद्दा किसान दिवस में प्रमुखता से उठा। डीएम दीपक मीणा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिन खाद दुकानों पर रेट लिस्ट नहीं लगी है, वहां तत्काल रेट लिस्ट चस्पा कराई जाए। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि अब तक जांच के दौरान दो खाद दुकानों का लाइसेंस निरस्त किया जा चुका है और आगे भी यह अभियान जारी रहेगा।
कृषि योजनाओं में पारदर्शिता पर जोर
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सब्सिडी में हो रही देरी को लेकर किसानों ने अपनी नाराजगी जाहिर की। सोलर पंप और अन्य कृषि उपकरणों पर अनुदान समय से न मिलने की शिकायतें सामने आईं। वहीं मशरूम उत्पादन से जुड़े किसानों ने अतिरिक्त सब्सिडी की मांग रखी। डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कृषि योजनाओं का लाभ पात्र किसानों तक समयबद्ध, पारदर्शी और बिना किसी भेदभाव के पहुंचाया जाए।
सिंचाई और नहरों की सफाई पर कार्ययोजना
नहरों की सफाई और सिंचाई व्यवस्था को लेकर डीएम ने स्पष्ट कार्ययोजना प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि जहां नहरों में 8 क्यूसेक से कम पानी होगा, वहां मनरेगा मजदूरों से सफाई कराई जाएगी। वहीं अधिक पानी वाले क्षेत्रों में जेसीबी मशीनों के माध्यम से सफाई कराई जाएगी। सिंचाई विभाग को नहरों की स्थिति का तत्काल आकलन कर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
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छुट्टा पशुओं की समस्या पर प्रशासन सख्त
छुट्टा पशुओं से फसलों को हो रहे नुकसान पर भी प्रशासन ने गंभीर रुख दिखाया। डीएम ने कहा कि गौशालाओं के संचालन और निगरानी में पंचायत स्तर पर सहयोग बेहद जरूरी है। अधिक प्रभावित क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जाएगी, ताकि किसानों की फसलों को नुकसान न हो।
किसान मेला और सम्मान समारोह
कार्यक्रम के दौरान किसान मेला एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जहां किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी दी गई। आत्मा योजना के अंतर्गत चयनित प्रगतिशील किसानों को प्रशस्ति पत्र और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सीडीओ शाश्वत त्रिपुरारी, उप निदेशक कृषि धनंजय सिंह, जिला कृषि अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे। कुल मिलाकर किसान दिवस का यह आयोजन प्रशासन और किसानों के बीच संवाद, भरोसे और समाधान की एक मजबूत कड़ी बनकर सामने आया, जिसने किसानों को नई उम्मीद दी।