नर्क पहुंची नोएडा पुलिस और महिला आयोग की टीम, 39 बुजुर्गों को निकाला बाहर, जानें पूरा मामला

जिले में एक शर्मशार करने वाला मामला सामने आया है। जिसने सबको हैरान कर दिया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 27 June 2025, 1:01 PM IST
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नोएडा: एक वृद्धाश्रम में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। गुरुवार को राज्य महिला आयोग और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने एक वृद्धाश्रम पर छापा मारते हुए 39 बुजुर्गों को रेस्क्यू किया। रेड के समय हालात इतने भयावह थे कि एक बुजुर्ग महिला को कमरे में रस्सियों से बांध कर रखा गया था। जबकि कई बुजुर्ग पुरुष तहखाने जैसे कमरों में बंद मिले।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई में सामने आया कि वृद्धाश्रम वर्ष 1994 से संचालित हो रहा था, लेकिन सरकारी रजिस्ट्रेशन के बिना चल रहा था। अब इस वृद्धाश्रम को सील करने का आदेश दे दिया गया है।

वायरल वीडियो बना रेड की वजह

मीनाक्षी भराला ने बताया कि यह रेड एक वायरल वीडियो के आधार पर की गई। वीडियो में देखा गया कि एक बुजुर्ग महिला के हाथ बांधकर उसे एक बंद कमरे में कैद किया गया था। यह वीडियो समाज कल्याण विभाग (लखनऊ) को भेजा गया। जहां से तत्काल जांच के निर्देश जारी हुए। इसके बाद गोपनीय तरीके से एक टीम गठित की गई और कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

भूखे-प्यासे, अधनंगे बुजुर्ग

रेड के समय बुजुर्गों की स्थिति अत्यंत दयनीय पाई गई। कुछ पुरुषों के पास पहनने तक के कपड़े नहीं थे और कई महिलाओं के शरीर पर भी अधूरे वस्त्र मिले। कई बुजुर्गों के कपड़े गंदगी और मल-मूत्र से सने हुए थे। उनमें से कुछ गंभीर रूप से बीमार भी पाए गए। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि वहां बुजुर्गों की देखभाल के लिए कोई प्रशिक्षित स्टाफ नहीं था। बुजुर्ग स्वयं ही खाना बनाते, साफ-सफाई करते और अपनी देखभाल करते थे।

खुद को नर्स बताने वाली महिला निकली 12वीं पास

एक महिला जो खुद को नर्स बता रही थी। उससे जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह केवल 12वीं पास है। उसने कोई मेडिकल प्रशिक्षण नहीं लिया है। इस पर भी वह बुजुर्गों की देखरेख का दावा कर रही थी।

मोटी रकम वसूलते थे आश्रम संचालक

जांच में यह भी सामने आया कि आश्रम में रहने के लिए प्रति बुजुर्ग से 2.5 लाख रुपए का डोनेशन लिया जाता था। इसके अलावा भोजन, पानी और रहने के लिए हर महीने 6 हजार रुपए लिए जाते थे। इसके बावजूद आश्रम में सुविधाएं नाममात्र की भी नहीं थीं।

आश्रम प्रबंधन की सफाई

छापे के दौरान आश्रम प्रबंधन ने खुद को बचाने की कोशिश की। उनका कहना था कि कुछ मानसिक रूप से कमजोर बुजुर्गों को खुद को नुकसान न पहुंचाने के लिए उनके हाथ हल्के कपड़े से बांधे जाते थे। प्रबंधन ने यह भी दावा किया कि पहले कुछ बुजुर्गों ने खुद को चोट पहुंचाई थी या शौच कर उसे दूसरों पर फेंक दिया था। हालांकि, महिला आयोग और अधिकारियों ने इस तर्क को गैर-मानवीय और अस्वीकार्य बताया।

बुजुर्गों को सरकारी ओल्ड ऐज होम में शिफ्ट किया

अधिकारियों ने बताया कि सभी बुजुर्गों को सुरक्षित बाहर निकाल कर फिलहाल सुरक्षित जगह पर रखा गया है। अगले दो से तीन दिनों में उन्हें सरकारी वृद्धाश्रम में शिफ्ट कर दिया जाएगा, जहां उनकी उचित देखभाल सुनिश्चित की जाएगी।

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