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मुजफ्फरनगर के नसीरपुर गांव में प्रार्थना सभा के दौरान कथित धर्म परिवर्तन की कोशिश सामने आने पर बजरंग दल ने हंगामा किया और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की। शिकायत के आधार पर दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है।
धर्म परिवर्तन की कथित साजिश नाकाम
Muzaffarnagar: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में सोमवार को धर्म परिवर्तन की कथित बड़ी साजिश उस समय उजागर हुई जब नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के नसीरपुर गांव में रहने वाले लाखन के घर पर प्रार्थना सभा के बहाने ईसाई धर्म ग्रहण कराने की सूचना स्थानीय संगठनों को मिली। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इस बारे में पुलिस को जानकारी दी, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया।
सूचना मिलते ही बजरंग दल जिला संयोजक रवि चौधरी अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचे। वहां हंगामा बढ़ने पर स्थानीय पुलिस भी तुरंत पहुंची और स्थिति नियंत्रित की।
हंगामे के दौरान दो युवक जॉनी पोस्टर और राहुल जो कथित तौर पर ईसाई मिशनरी से जुड़े बताए जा रहे हैं, मौके से भाग निकले। पीड़ित पक्ष लाखन द्वारा थाने में दी गई लिखित तहरीर के आधार पर पुलिस ने धर्म परिवर्तन से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। मंगलवार को पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें जेल भेजने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई।
सीओ नई मंडी राजू कुमार साव ने मीडिया को बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपितों ने स्वीकार किया है कि वे वर्ष 2020 से ईसाई मिशनरी से जुड़े हुए हैं। दोनों ही सहारनपुर जिले के जलालपुर गांव के रहने वाले हैं और कथित तौर पर चंडीगढ़ में प्रार्थना सभाओं में शामिल होकर ईसाई धर्म अपनाया था।
प्रार्थना सभा के दौरान धर्म परिवर्तन
पुलिस के मुताबिक, ये दोनों सहारनपुर, रुड़की और आसपास के ग्रामीण इलाकों में लगातार भ्रमण कर लोगों को प्रार्थना सभाओं में बुलाते और धर्म संबंधी प्रचार-प्रसार करते थे।
सीओ राजू कुमार साव के अनुसार, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दोनों युवक पहली बार मुजफ्फरनगर पहुंचे थे।
नसीरपुर गांव में लाखन के घर प्रार्थना कराने के बाद कथित रूप से धर्म परिवर्तन की कोशिश की जा रही थी।
उन्होंने बताया कि “सूचना मिलते ही पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और संभावित धर्म परिवर्तन को रोका। दोनों युवकों को गिरफ्तार कर अब जेल भेजा जा रहा है।”
अधिकारियों के मुताबिक, यह प्रारंभिक कार्रवाई है और पूरे मामले के “बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज” की जांच जारी है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपितों ने अब तक किन-किन इलाकों में गतिविधियां कीं? क्या इनकी वजह से पहले भी किसी गांव में धर्म परिवर्तन के मामले सामने आए? इनके संपर्क में और कौन-कौन लोग रहे?