

महराजगंज जिले के धानी बाजार स्थित निजी दंत चिकित्सालय में अमानवीयता की हद पार हो गई। एक बुजुर्ग महिला को डॉक्टर ने देखने से इनकार कर दिया और अभद्र भाषा का प्रयोग कर अपमानित कर बाहर निकाल दिया। पीड़ित परिजन ने सीएमओ कार्यालय पहुंचकर लिखित शिकायत की है और दोषी डॉक्टर व स्टाफ पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स-गूगल)
Mahrajganj: महराजगंज के धानी बाजार क्षेत्र में एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही और चिकित्सकीय अमानवीयता सामने हुई है। थाना कैंपियरगंज क्षेत्र के ग्राम मिरिहिरिया निवासी अजय कुमार पांडेय ने अपनी मां के साथ हुए दुर्व्यवहार की शिकायत लेकर सीएमओ कार्यालय महराजगंज पहुंचे। उन्होंने सीएमओ से मामले की जांच कर संबंधित चिकित्सक और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, 16 जुलाई को अजय कुमार पांडेय अपनी मां को दांत में असहनीय दर्द होने पर इलाज के लिए धानी बाजार स्थित एक निजी अस्पताल, कुशहर प्रसाद दंत चिकित्सालय में ले गए थे। वहां उपस्थित डॉक्टर से उन्होंने अपनी मां को थोड़ा जल्दी दिखाने का निवेदन किया, लेकिन डॉक्टर द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए न सिर्फ मरीज को देखने से मना कर दिया गया बल्कि अस्पताल स्टाफ ने भी दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें अपमानित कर बाहर कर दिया।
दर्द से तड़प रही थी मां
इस मामले में शिकायतकर्ता का कहना है कि उनकी मां पहले से ही दर्द से तड़प रही थीं और चिकित्सक और कर्मचारियों का ऐसा अमानवीय रवैया न केवल मरीज के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि चिकित्सा पेशे की गरिमा को भी ठेस पहुंचाता है। अजय कुमार पाण्डेय ने अपने प्रार्थना पत्र में उल्लेख किया है कि अस्पताल में न तो कोई रजिस्ट्रेशन बोर्ड है और न ही कोई जिम्मेदार व्यक्ति मौजूद था।
डीएम से की ये मांग
इस मामले में अजय पांडेय ने जिला चिकित्साधिकारी से मांग की है कि अस्पताल के संचालन और पंजीकरण की जांच कराई जाए, साथ ही मरीज को न देखने व अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाले डॉक्टर और कर्मचारियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में किसी और मरीज को इस तरह की अपमानजनक स्थिति का सामना न करना पड़े।
वहीं दूसरी तरफ, परिजन के इस पत्र के बाद सीएमओ कार्यालय में भी हलचल देखी गई है और यह संभावना जताई जा रही है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जल्द ही इस मामले में जांच शुरू की जा सकती है। बता दें कि इस कार्रवाई की मांग जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही और चिकित्सकीय अमानवियता के कारण की गई है।