गोरखपुर में ‘मिशन शक्ति 5.0’ का शुभारंभ, महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए नई पहल, जानें इसकी खासियत

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘मिशन शक्ति 5.0’ की शुरुआत की, जो महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन पर केंद्रित है। 1,647 थानों में मिशन शक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं। महिलाओं के लिए पिंक बूथ, सेल्फ डिफेंस और कौशल विकास योजनाएं लागू होंगी।

Gorakhpur: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लोक भवन सभागार, लखनऊ से ऑनलाइन 'मिशन शक्ति 5.0' का धूमधाम से शुभारंभ किया। यह अभियान नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के त्रिशूल पर आधारित है, जो शारदीय नवरात्रि (22 सितंबर से) के साथ 30 दिनों तक चलेगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, राज्य के सभी 1,647 थानों में नवस्थापित मिशन शक्ति केंद्रों का एक साथ उद्घाटन हुआ, जो महिलाओं की शिकायतों का तुरंत निस्तारण सुनिश्चित करेंगे। इसके साथ ही सीएम योगी ने SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कई नेता

इस दौरान, केंद्रीय मत्स्य मंत्री संजय निषाद, राज्यसभा सांसद संगीता यादव, विधायक विपिन सिंह, महेंद्र पाल सिंह, प्रदीप शुक्ला, बाल विकास परियोजना अधिकारी मोहित सक्सेना, एडीजी जोन मुथा अशोक जैन, डीआईजी रेंज एसएस चनप्पा, मंडलायुक्त अनील ढिंगरा, जिलाधिकारी दीपक मीणा, एसएसपी राज करन नय्यर, सीडीओ शाश्वत त्रिपुरारी, जिला विकास अधिकारी राज मणि वर्मा, अपर आयुक्त राम आश्रय, सीएमओ राजेश झा और सुनीता पटेल समेत सैकड़ों महिलाएं और अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े।

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सीएम योगी ने किया संबोधित

मुख्यमंत्री योगी ने अपने संबोधन में कहा, "महिलाओं का सम्मान हमारी संस्कृति का आधार है। उन्होंने कहा, आज उत्तर प्रदेश में बेटियां सुरक्षित महसूस करती हैं, क्योंकि हमने 'गलती से यूपी आ गया' वाले अपराधियों को ऐसा सबक सिखाया कि वे कभी लौटने की हिम्मत न करें।" उन्होंने निर्देश दिए कि नवरात्रि और त्योहारों में मंदिरों, मेले, बाजारों में महिला पुलिस की विशेष तैनाती हो। सभी नगर निगमों में 24x7 पिंक बूथ स्थापित होंगे, जहां ट्रेंड महिला पुलिस तैनात रहेगी। एंटी-रोमियो स्क्वायड को और मजबूत करने के आदेश दिए, ताकि छेड़छाड़ के दोषी तुरंत पकड़े जाएं। साथ ही मिशन शक्ति केंद्रों पर जेंडर सेंसिटाइजेशन, डिजिटल एविडेंस कलेक्शन, केस मैनेजमेंट और वित्तीय सहायता योजनाओं पर विशेष प्रशिक्षण अनिवार्य होगा।

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अब तक चार चरणों में कार्यक्रम का आयोजन

गौरतलब है कि यह अभियान 2020 से चल रहा है और अब तक चार चरणों में 3.44 लाख से अधिक कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं, जिनसे दो करोड़ से ज्यादा महिलाएं लाभान्वित हुईं। साइबर क्राइम के खिलाफ विशेष अभियान, बाल बचाव मिशन और ड्रग्स विरोधी ड्राइव जैसी कार्रवाइयां सफल रहीं। ITSSO पोर्टल पर यौन अपराधों के 98.80 फीसदी मामलों का निस्तारण कर यूपी देश में नंबर वन है। महिला हेल्पलाइन 1090 का मॉडल अन्य राज्यों के लिए मिसाल बन गया। इस चरण में 44,177 महिला पुलिस अधिकारी 57,000 ग्राम पंचायतों में जाकर जागरूकता फैलाएंगी। पीआरवी-112 वाहनों की फुट पेट्रोलिंग बढ़ेगी, ताकि हर गली-नुक्कड़ पर सुरक्षा का जाल बिछ जाए।

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