

कोल्हुई में अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन की बैठक का आयोजन किया गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन की बैठक
महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के कोल्हुई कस्बे में आज रविवार को अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के तत्वावधान में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में वैश्य समाज की एकजुटता, संगठन के विस्तार और सामाजिक उत्थान के मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। बता दें कि यह बैठक स्थानीय व्यापार मंडल अध्यक्ष श्रीराम जैसवाल के आवास पर आयोजित की गई, जिसमें समाज के दर्जनों गणमान्य लोग शामिल हुए और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस बैठक को संबोधित करते हुए वैश्य समाज महासम्मेलन के जिला अध्यक्ष सुधाकर जैसवाल ने कहा कि वैश्य समाज की सभी उपजातियों, जिसमें मद्धेशिया, अग्रहरि, रौनियार, कश्यप, जैसवाल आदि शामिल हैं, उन्हें एक मंच पर आना होगा।
युवाओं से संगठन हो मजबूत
उन्होंने कहा कि एकजुटता ही हमारे समाज के विकास और अधिकारों की रक्षा का आधार है। जब हम एक होंगे, तब न कोई हमारा हक छीन सकेगा और न ही कोई हमारा उत्पीड़न कर पाएगा। जिला अध्यक्ष सुधाकर जैसवाल विशेष रूप से युवाओं से संगठन को मजबूत करने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की अपील की।
बैठक में शामिल हुए कई गणमान्य
कई लोगों को सौंपी गई अहम जिम्मेदारी
वहीं, बैठक के दौरान, व्यापार मंडल अध्यक्ष श्रीराम जैसवाल ने संगठन के विस्तार और इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। बैठक में संगठन को और सशक्त बनाने के लिए कुछ लोगों को महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी सौंपी गई।
बैठक में ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर जिला कोषाध्यक्ष रतन गुप्ता, जिला महामंत्री दुर्गा मद्धेशिया, संतोष जैसवाल, गुड्डू जैसवाल, तमेश्वर जैसवाल, अभिषेक कुमार, नागेश्वर उदय रौनियार, बृजेश जैसवाल, रामकुमार जैसवाल, शिवराम, प्रिंस मद्धेशिया, पीयूष कुमार और बैजनाथ जैसवाल सहित कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
एकजुटता पर दिया जोर
वहीं यह बैठक वैश्य समाज के लिए एकजुटता और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। संगठन के पदाधिकारियों ने भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों को जारी रखने और समाज के हर वर्ग को जोड़ने का संकल्प लिया। बैठक में एकजुटता पर जोर देते हुए ये कहा गया कि एकजुटता ही हमारे समाज के विकास और अधिकारों की रक्षा का आधार है।