

गोरखपुर में बीते 24 घंटों की तेज बारिश ने शहर को बेहाल कर दिया है। मुख्य सड़कों, बाजारों और रिहायशी इलाकों में जलभराव की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। हालात की गंभीरता को देखते हुए महापौर ने नगर निगम मुख्यालय में आपात बैठक बुलाई, जिसमें जलनिकासी, फॉगिंग, साफ-सफाई और निर्माण कार्यों को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए।
नगर निगम मुख्यालय में आपात बैठक
Gorakhpur: जिले में बीते 24 घंटों की भारी बारिश ने कई हिस्सों में जलजमाव की गंभीर समस्या खड़ी कर दी है। मुख्य सड़कों, रिहायशी इलाकों और बाजारों में जमा पानी ने आवागमन बाधित कर दिया, जिससे नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालात की गंभीरता को देखते हुए महापौर ने नगर निगम मुख्यालय में आपात बैठक बुलाई, जिसमें अपर नगर आयुक्त, महाप्रबंधक जलकल, मुख्य अभियंता सहित सभी विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस बैठक में फील्ड रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि किन क्षेत्रों में पानी का स्तर अधिक है, कहां यातायात प्रभावित है? और किन पंपिंग स्टेशनों को अतिरिक्त क्षमता पर चलाने की आवश्यकता है। महापौर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी प्रभावित वार्डों में जलनिकासी के लिए अतिरिक्त मोबाइल पंप और सक्शन मशीनें लगाई जाएं। प्रत्येक वार्ड में विशेष निगरानी दल 24 घंटे हालात पर नजर रखे और हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों का तुरंत समाधान करे।
अतिरिक्त पंप लगाए जाने से दूर होंगी खामियां
पंपिंग स्टेशनों पर अधिक भार होने की स्थिति में अतिरिक्त पंप लगाए जाएं और तकनीकी खामियां तुरंत दूर की जाएं। जलनिकासी के बाद प्रभावित क्षेत्रों में फॉगिंग, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव और सफाई अभियान चलाकर जलजनित बीमारियों को रोकने के निर्देश दिए गए।
महापौर ने अभियंताओं को सख्त चेतावनी दी कि नालियों के निर्माण में ढाल का ध्यान रखा जाए, ताकि पानी रुकने और सड़क के नुकसान की समस्या न हो। बड़े नालों पर स्लैब/कवर लगाने और गहरे गड्ढों के किनारे बैरिकेटिंग कराने के आदेश भी दिए गए, जिससे हादसों की संभावना खत्म हो।
निर्माण विभाग ने दिया निर्देश
निर्माण विभाग को निर्देशित किया गया कि सड़क, नाली और नाले के निर्माण कार्य तेजी से पूरे किए जाएं। जहां कार्य पूरा न हो सके, वहां निकली मिट्टी और मलबा हटाकर मार्ग को आवागमन योग्य बनाया जाए। सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में पूरे करने का आदेश दिया गया, अन्यथा जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई होगी।
महापौर ने यह भी कहा कि निर्माण कार्य के दौरान यातायात और स्थानीय निवासियों को कम से कम असुविधा हो, इसके लिए कार्ययोजना बनाई जाए। साथ ही मुख्य अभियंता को गिरासू और जर्जर भवनों की जांच कर नियमानुसार तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।