

महराजगंज जिले के मदरहा ककटही गांव में शौचालय निर्माण में धांधली के मामले में एक बार फिर जांच टीम गांव पहुंची। पहले की जांच में 218 शौचालयों में अनियमितता पाई गई थी। अब शिकायतकर्ता की मांग पर जिला स्तरीय टीम ने लाभार्थियों से पूछताछ की।
जांच के लिए गांव पहुंची टीम
Mahrajganj: महराजगंज जिले के लक्ष्मीपुर ब्लॉक अंतर्गत मदरहा ककटही गांव में शौचालय निर्माण को लेकर सामने आए घोटाले के मामले में एक बार फिर हलचल बढ़ गई है। वर्ष 2015 से 2020 के बीच व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के तहत किए गए कार्यों में अनियमितता की शिकायतों के बाद जांच कराई गई थी, जिसमें 219 में से 218 शौचालयों में गंभीर गड़बड़ी पाई गई थी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस जांच रिपोर्ट के आधार पर 14 जुलाई को जिला पंचायत राज अधिकारी ने दो ग्राम सचिवों और तत्कालीन ग्राम प्रधान नजरे आलम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश जारी किया था। लेकिन आदेश के दो सप्ताह बाद भी दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न होने पर शिकायतकर्ता ने दोबारा जिला अधिकारी (DM) से गुहार लगाई। इसके बाद जिले की ओर से एक नई जांच टीम गठित कर गांव भेजी गई।
दोबारा जांच के लिए गांव पहुंची टीम
वहीं टीम ने गांव पहुंचकर दोबारा जांच शुरू की। इस टीम में जिला कार्यक्रम अधिकारी, ब्लॉक स्तर के अधिकारी और अन्य पंचायत कर्मी शामिल थे। टीम ने गांव में डोर-टू-डोर जाकर करीब 40 घरों में लाभार्थियों से बात की, उनके शौचालय की स्थिति देखी और कागजी रिकॉर्ड से मिलान किया।
शिकायतकर्ता ने कहा "पहले भी जांच हुई थी और स्पष्ट अनियमितता सामने आई थी, लेकिन अब आदेश के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। आज जो दोबारा जांच हो रही है, वह भी अधिकारियों के आदेश पर है और हम उम्मीद करते हैं कि इस बार दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।"
क्या बोले ग्राम प्रधान?
वहीं दूसरी ओर आरोपित तत्कालीन ग्राम प्रधान नजरे आलम ने खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा, "मुझ पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। यह सब कुछ राजनीतिक द्वेष के तहत किया जा रहा है। शौचालय निर्माण में मैंने किसी तरह की अनियमितता नहीं की।"
स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने इन शौचालयों में बड़े स्तर पर गड़बड़ी सामने आना न केवल प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल खड़े करता है। अब देखना यह होगा कि दूसरी जांच के नतीजों के आधार पर प्रशासन दोषियों पर क्या कदम उठाता है और क्या सच में न्यायिक प्रक्रिया के तहत भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा या यह मामला भी सिर्फ फाइलों तक ही सीमित रह जाएगा।