

महराजगंज में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष की शुरुआत अनुशासन और राष्ट्रभावना से परिपूर्ण माहौल में हुई। बागापार और मुजूरी में हुए शस्त्र पूजन एवं पथ संचलन ने जनपद में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार किया। शस्त्र पूजन और पथ संचलन के माध्यम से संघ की अनुशासित परंपरा का भव्य प्रदर्शन हुआ। अनुशासित कदमताल में स्वयंसेवकों को देखकर नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया।
आरएसएस की शस्त्र पूजा
Maharajganj: महराजगंज में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष का आगाज़ 2 अक्टूबर को जनपद में उत्साह और गरिमा के साथ हुआ। सुबह बागापार और शाम को मुजूरी में आयोजित कार्यक्रमों में एकत्रीकरण, शस्त्र पूजन और पथ संचलन के माध्यम से संघ की अनुशासित परंपरा का भव्य प्रदर्शन हुआ।
मुख्य अतिथि सह प्रांत प्रचारक सुरजीत जी का परिचय खंड कार्यवाह सुनील मिश्र, जीवेश मिश्र और दीपक त्रिपाठी ने कराया। बागापार कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवा निवृत्त कोतवाल धीरेंद्र प्रताप सिंह ने की, जबकि मुजूरी कार्यक्रम का संचालन खंड संघचालक रामचन्द्र ने किया। मंच पर खंड संघचालक साधुशरण शर्मा भी उपस्थित रहे।
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अपने उद्बोधन में सह प्रांत प्रचारक सुरजीत जी ने कहा कि विजयादशमी के दिन 100 वर्ष पूर्व डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 17 साथियों के साथ संघ की स्थापना की थी। राष्ट्र को सर्वोपरि मानने वाली इस परंपरा ने तीन बार लगे प्रतिबंधों के बावजूद अपने कार्य को निरंतर गति दी। उन्होंने बताया कि शताब्दी वर्ष के अवसर पर वर्षभर में पांच प्रमुख कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। संघ आज सेवा, समर्पण और राष्ट्रनिर्माण का प्रतीक बन चुका है।
उद्बोधन के बाद सैकड़ों स्वयंसेवकों का पथ संचलन निकला। अनुशासित कदमताल में स्वयंसेवकों को देखकर नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया।
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कार्यक्रम में सह विभाग प्रचारक अजीत जी, जिला प्रचारक विनय, जिला कार्यवाह शिवचरण, विधायक ज्ञानेंद्र सिंह, नगर पंचायत अध्यक्ष उमेश, जिला प्रतिनिधि, मंडल प्रमुख, बागापार से जितेंद्र शुक्ला , वरिष्ठ अधिवक्ता मानवेंद्र शुक्ला, विपुल शुक्ला, बजरंग दल व विश्व हिंदू परिषद से जुड़े कार्यकर्ता समेत बड़ी संख्या में स्वयंसेवक मौजूद रहे।