

स्थानीय किसान नेता और रेवेन्यू बार एसोसिएशन तहसील नौतनवा के पूर्व संयुक्त मंत्री नागेंद्र शुक्ला का अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
पूर्व संयुक्त मंत्री नागेंद्र शुक्ला
महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज में नौतनवा तहसील परिसर में उप निबंधक संदीप कुमार गौड़ को हटाने की मांग को लेकर स्थानीय किसान नेता और रेवेन्यू बार एसोसिएशन तहसील नौतनवा के पूर्व संयुक्त मंत्री नागेंद्र शुक्ला, एडवोकेट के नेतृत्व में क्रमिक अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, यह आंदोलन बुद्ध पूर्णिमा के अवकाश के दिन शुरू हुआ था और अब यह जोर पकड़ता जा रहा है। नागेंद्र शुक्ला ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक उप निबंधक को उनके पद से हटाया नहीं जाता। बता दें कि उनके आंदोलन को व्यापक समर्थन मिल रहा है, जिसमें अधिवक्ताओं के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीण भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
चार चरणों में होगा आंदोलन का आयोजन
दरअसल, स्थानीय किसान नेता और रेवेन्यू बार एसोसिएशन तहसील नौतनवा के पूर्व संयुक्त मंत्री नागेंद्र शुक्ला ने बताया कि यह आंदोलन चार चरणों में आयोजित किया जाएगा। पहले चरण में क्रमिक अनशन के माध्यम से प्रशासन का ध्यान इस मुद्दे की ओर आकर्षित किया जा रहा है। उन्होंने उप निबंधक पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा कि जनता के हित में यह जरूरी है कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। आंदोलन के समर्थन में भारतीय अधिवक्ता संघ के राष्ट्रीय संयोजक ने भी पत्र भेजकर अपनी एकजुटता व्यक्त की है। पत्र में उन्होंने नागेंद्र शुक्ला को आश्वासन दिया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में उनका संगठन पूरी तरह उनके साथ है।
अनशन में ये रहे शामिल
वहीं दूसरे दिन के अनशन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इस दौरान अशोक तिवारी, राजेश चौधरी, संगठन के पूर्व अध्यक्ष राजेश कुमार श्रीवास्तव, अनीश त्रिपाठी, फूल चंद मौर्य, अयोध्या विश्वकर्मा, जितेंद्र कुमार, मनोज कुमार मिश्रा, दीपेंद्र प्रजापति, एडवोकेट संतोष पांडेय, राकेश पांडेय और लखन श्रीवास्तव सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे। प्रदर्शनकारियों ने उप निबंधक के खिलाफ नारेबाजी की और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
गौरतलब है कि आंदोलन के अगले चरणों में और बड़े स्तर पर प्रदर्शन की योजना है। नागेंद्र शुक्ला ने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।