नींव खोद रहे मजदूरों के हाथ लगा 36 किलो का घड़ा, खोलकर देखा तो चौंधिया गई आंखें

देवदह में बाउंड्रीवाल निर्माण के दौरान एक टूटा हुआ घड़ा मिला। इस घड़े में कुछ ऐसा मिला जिसे देखकर सबकी आंखें फटी की फटी रह गई। पुरातत्व विभाग ने घड़े को कब्जे में लेकर जांच के लिए लखनऊ भेज दिया है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 7 October 2025, 3:50 PM IST
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Maharajganj: नौतनवा तहसील के बनरसिंहा कला गांव स्थित देवदह, जिसे महात्मा बुद्ध का ननिहाल माना जाता है, वहां हाल ही में एक ऐतिहासिक खोज हुई है। यहां बाउंड्रीवाल निर्माण के दौरान खुदाई के दौरान मजदूरों को एक टूटे घड़े में कुषाणकालीन सिक्के मिले। इस घटना से इलाके में पुरातात्त्विक महत्व का नया पहलू सामने आया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, देवदह को पुरातत्व विभाग ने 88.8 एकड़ जमीन के रूप में संरक्षित कर रखा है, जहां पहले भी कई बार खुदाई का काम किया जा चुका है। इस क्षेत्र में मिट्टी के बर्तन, स्तूप, खिलौने और सिक्कों जैसी पुरानी वस्तुएं मिल चुकी हैं।

बीते 5 अक्टूबर को बाउंड्रीवाल के निर्माण के दौरान जब मजदूर खुदाई कर रहे थे, तब अचानक कुदाल से कोई वस्तु टकराई। जब इसे बाहर निकाला गया, तो यह एक टूटे हुए घड़े में सिक्के पाए गए।

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जांच के लिए लखनऊ भेजा गया घड़ा

घटना के बाद अधिकारियों को सूचित किया गया और पुरातत्व विभाग ने सिक्कों को अपने कब्जे में लेकर लखनऊ जांच के लिए भेज दिया। पुरातत्व विभाग के अधिकारी कृष्णमोहन दुबे ने बताया कि सिक्के कुषाणकालीन प्रतीत होते हैं। ये सिक्के आपस में चिपके हुए थे और उनके ऊपर एक जंग जैसी परत चढ़ी हुई थी, जिससे उनका असली वजन और स्थिति अभी निर्धारित नहीं हो पाई है।

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देवदह का ऐतिहासिक महत्व

इन सिक्कों का वैज्ञानिक विश्लेषण लखनऊ में किया जाएगा, ताकि उनकी सही उम्र और समयकाल का निर्धारण किया जा सके। अधिकारियों के मुताबिक, सिक्कों की जांच के बाद ही उनकी असल स्थिति और महत्व के बारे में पूरी जानकारी मिल पाएगी। देवदह का ऐतिहासिक महत्व बेहद गहरा है। यह स्थान महात्मा बुद्ध के बचपन का घर होने के कारण विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। यहां मिलने वाली हर पुरानी वस्तु इस क्षेत्र की ऐतिहासिक धरोहर को और समृद्ध करती है।

 

 

 

Location : 
  • Maharajganj

Published : 
  • 7 October 2025, 3:50 PM IST