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विकास खंड सिसवां क्षेत्र की चनकौली ग्रामसभा में सरकारी धन के बड़े घोटाले का आरोप सामने आया है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भेजकर ग्राम प्रधान जयप्रकाश यादव और सचिव/सहायक विकास अधिकारी पर करोड़ों रुपये की योजनाओं में फर्जी भुगतान और धन गमन का आरोप लगाया है।
जिलाधिकारी से शिकायत करने पहुंचे ग्रामीण
Maharajganj: महराजगंज के विकास खंड सिसवां क्षेत्र के चनकौली ग्रामसभा में सरकारी धन के व्यापक दुरुपयोग और भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला उजागर हुआ है। ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से जिलाधिकारी महराजगंज को पत्र भेजकर ग्राम प्रधान जयप्रकाश यादव और ग्राम पंचायत सचिव/सहायक विकास अधिकारी पर करोड़ों रुपये की सरकारी योजनाओं में हेराफेरी का गंभीर आरोप लगाया है। यह मामला पूरे क्षेत्र की चर्चा का विषय बन गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ के अनुसार, ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कई वर्षों से ग्रामसभा में विकास कार्यों को लेकर भारी अनियमितताएं की जा रही हैं। आरोपों के अनुसार, नाली निर्माण, खड़ंजा बिछाने, सड़क मरम्मत, शौचालय निर्माण, आवास योजनाएं और पंचायत निधि से जुड़े विकास कार्य, इन सभी में कागजों पर कार्य पूर्ण दिखा दिए गए, जबकि जमीनी हकीकत बिल्कुल उलट है। कई स्थानों पर कार्य अधूरे पाए गए, तो कई जगह कार्य हुआ ही नहीं, लेकिन भुगतान फर्जी बिलों के माध्यम से निकाल लिया गया।
ग्रामीणों ने योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने के लिए आरटीआई के तहत आवेदन दिया और इसके लिए 20,500 रुपये की फीस भी जमा की। इसके बावजूद उन्हें पूरी सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। ग्रामीणों का कहना है कि सहायक विकास अधिकारी ने जानबूझकर आधे-अधूरे दस्तावेज दिए ताकि फर्जी भुगतान और धनराशि के गमन का सच सामने न आ सके। ग्रामीणों का आरोप है कि “अगर योजनाओं के वास्तविक कार्य और कागजों पर दिखाई गई प्रगति की निष्पक्ष तुलना हो जाए, तो करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा निश्चित है।”
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ग्रामीणों ने पूरे प्रकरण की जांच किसी स्वतंत्र और बाहरी एजेंसी से कराने की मांग की है। उनका कहना है कि स्थानीय स्तर पर जांच कराने पर सच्चाई दबाई जा सकती है। साथ ही, उन्होंने आरोप लगाया कि पंचायत अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकारी धन का बंदरबांट वर्षों से जारी है। ग्रामीणों ने प्रशासन से आग्रह किया कि आरोपितों पर तुरंत एफआईआर दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए और सरकारी धन की रिकवरी सुनिश्चित की जाए।
शिकायतकर्ताओं में आर्शन निषाद, राज, हरिपाल निषाद, मुकेश, श्रीराम सेनी, बबलू, बैजू चौहान, प्रहलाद, पवन कुमार, गंगेश, रवि धारिया, पिंटू, अखिलेश निषाद, विभीषण और समक्षान गुप्ता सहित कई लोग शामिल हैं। इन ग्रामीणों ने साफ कहा कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़े आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।
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गंभीर आरोपों के बाद चनकौली ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों में भी चर्चा तेज हो गई है। लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि जिलाधिकारी स्तर पर कब और कैसी कार्रवाई शुरू होती है। अगर प्रशासन निष्पक्ष जांच कराता है, तो यह मामला प्रदेश में पंचायत स्तर के बड़े घोटालों में से एक साबित हो सकता है।