

उत्तर प्रदेश में अब राज्य सरकार निवेश प्रक्रिया को और पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
UP में निवेश से पहले अब पैन कार्ड अनिवार्य
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अब राज्य सरकार निवेश प्रक्रिया को और पारदर्शी और सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। इन्वेस्ट यूपी ने फैसला लिया है कि अब राज्य में निवेश करने वाली हर कंपनी को आवेदन के समय पैन कार्ड की जानकारी देनी होगी। यह व्यवस्था खासतौर पर उन कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए लाई जा रही है, जो फर्जीवाड़ा कर एमओयू साइन करती हैं और निवेशकों से ठगी कर भाग जाती हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने निवेश के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। राज्य में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने निवेश की दिशा में रुचि दिखाई है। सरकार ने नीतियों में बदलाव कर भूमि खरीद, टैक्स छूट समेत कई रियायतें दी हैं। लेकिन इसी माहौल का फायदा उठाकर कुछ कंपनियों ने एमओयू कर फर्जी निवेश का जाल बिछाया और छोटे निवेशकों से करोड़ों रुपये हड़प लिए।
इसका सबसे बड़ा उदाहरण पंजाब की व्यूनाउ इंफोटेक कंपनी है। कंपनी ने राज्य सरकार के साथ 13,500 करोड़ रुपये के निवेश का एमओयू साइन किया था, जिसमें 750 डेटा सेंटर खोलने का दावा किया गया था। कंपनी के एमडी सुखविंदर सिंह खरोर ने इस एमओयू का इस्तेमाल कर छोटे निवेशकों को स्टोरेज स्पेस लीज पर देने का झांसा दिया और 3,558 करोड़ रुपये की भारी रकम एकत्र कर ली। लेकिन बाद में इन पैसों को डाटा सेंटर में निवेश करने की बजाय विदेश भेज दिया गया।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच और नोएडा पुलिस की एफआईआर के आधार पर कंपनी की करतूत सामने आई। फरवरी में दिल्ली एयरपोर्ट से एमडी और उनकी पत्नी डिंपल खरोर को देश से भागने की कोशिश करते वक्त गिरफ्तार किया गया।
अब औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने स्पष्ट किया है कि पैन कार्ड की अनिवार्यता और कंपनी के प्रोफाइल की गहन जांच जैसे उपाय किए जा रहे हैं, ताकि निवेश में पारदर्शिता आए और भविष्य में कोई भी एमओयू सिर्फ कागजों तक न रहे, बल्कि ज़मीनी हकीकत बने।