

सोनभद्र में वकीलों ने वाराणसी में पुलिस की बर्बरता के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने ‘एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट’ की मांग को लेकर स्वर्ण जयंती चौक तक पैदल मार्च किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मांगे नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को प्रदेशभर में फैलाया जाएगा।
अधिवक्ताओं ने किया जोरदार प्रदर्शन
Sonbhadra: वाराणसी में वकीलों पर हुई पुलिस बर्बरता के विरोध में आज शनिवार को सोनभद्र में अधिवक्ताओं का आक्रोश सड़कों पर नजर आया। सोनभद्र बार एसोसिएशन के नेतृत्व में सैकड़ों वकीलों ने कचहरी परिसर से स्वर्ण जयंती चौक तक पैदल मार्च निकाला और सरकार व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन के दौरान 'एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट' लागू करने की पुरजोर मांग की और कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, आंदोलन जारी रहेगा।
बार एसोसिएशन अध्यक्ष ने कहा कि वाराणसी की घटना लोकतंत्र पर सीधा हमला है। पुलिस की बर्बरता और एकतरफा कार्रवाई से साफ जाहिर है कि अब वकीलों की सुरक्षा खतरे में है। उन्होंने कहा, हम अपनी सुरक्षा और सम्मान के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर हुए हैं। यह केवल वाराणसी की लड़ाई नहीं है, यह पूरे अधिवक्ता समाज का अपमान है।
वकीलों ने आरोप लगाया कि शासन-प्रशासन पूरी तरह पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहा है। जब अधिवक्ता न्याय की बात करते हैं, तो उनके साथ अत्याचार होता है, लेकिन दोषी पुलिसकर्मियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती। प्रदर्शनकारियों ने इस घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की।
प्रदर्शन के दौरान पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, लेकिन अधिवक्ताओं ने शांतिपूर्ण ढंग से अपना विरोध दर्ज कराया। उन्होंने हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर अपनी मांगों को प्रमुखता से रखा। मार्च में अधिवक्ताओं ने 'वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित करो', 'पुलिस की गुंडागर्दी बंद करो', और 'एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करो' जैसे नारे लगाए।
बार एसोसिएशन अध्यक्ष ने अपनी बाइट में कहा, हम जब तक सुरक्षित नहीं होंगे, न्याय का तंत्र भी सुरक्षित नहीं रह सकता। हमारी मांग सिर्फ अपने लिए नहीं, पूरे न्यायिक व्यवस्था की मजबूती के लिए है। अगर सरकार हमारी मांगों को नजरअंदाज करती है, तो पूरे प्रदेश में अधिवक्ता सड़कों पर उतरेंगे।
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उन्होंने चेतावनी दी कि अगर शासन-प्रशासन ने जल्द सकारात्मक कदम नहीं उठाए, तो यह आंदोलन प्रदेशव्यापी रूप ले सकता है। साथ ही उन्होंने आगामी कार्यवाही के लिए रणनीति बनाने का भी संकेत दिया। इस प्रदर्शन ने स्पष्ट कर दिया है कि अब अधिवक्ता वर्ग एकजुट होकर अपने अधिकारों और सुरक्षा के लिए संघर्ष को तैयार है। मांगें पूरी न होने तक यह आंदोलन जारी रहेगा।