Mass Suicide: सामूहिक आत्महत्या से दहला कोल्हुई, गांव में पसरा मातम, जानिए पूरा मामला

कोल्हुई की रहने वाली महिला ने महाराष्ट्र के भिवंडी में अपने तीन बेटियों के साथ आत्महत्या कर ली। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी ख़बर

Post Published By: अरुण गौतम
Updated : 5 May 2025, 8:00 PM IST
google-preferred

भिवंडी/महराजगंज: महाराष्ट्र के भिवंडी शहर में शनिवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के कोल्हुई थाना क्षेत्र निवासी पुनिता (32) ने अपनी तीन बेटियों के साथ किराए के मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस घटना की जानकारी मिलते ही कोल्हुई क्षेत्र में मातम छा गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन आत्महत्या के पीछे की असल वजह अब तक स्पष्ट नहीं हो सकी है।

गांव से महानगर तक पहुंचा संघर्ष
मूल रूप से कोल्हुई क्षेत्र के हरैया पंडित गांव के रहने वाले लालजी अपने परिवार को बेहतर जीवन देने के लिए छह महीने पहले पत्नी और चार बच्चों के साथ मुंबई के भिवंडी चले गए थे। वहां वह एक निजी कंपनी में मजदूरी कर जीवन यापन कर रहे थे। लेकिन आर्थिक तंगी और कर्ज के बोझ से उबरने की कोशिशों के बीच यह दुखद घटना घट गई।

ड्यूटी से लौटे पिता ने देखा भयावह दृश्य
रात की शिफ्ट से घर लौटे लालजी ने जब दरवाजा नहीं खुला तो खिड़की से झांककर देखा। अंदर का दृश्य देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई—पत्नी और तीन बेटियां फंदे से लटकी हुई थीं। तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई। शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया, और मुंबई में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया।

कर्ज बना आत्महत्या की एक संभावित वजह
ग्रामीणों का कहना है कि लालजी ने स्वयं सहायता समूह से कर्ज लिया था और उसे चुकाने में असमर्थता के कारण परिवार मानसिक तनाव में था। इसी कारण वे पहले ससुराल चले गए और फिर मुंबई शिफ्ट हुए। अब गांव में उनका बंद पड़ा टीन शेड वाला घर उनकी गरीबी की कहानी कह रहा है।

समाज के लिए कई सवाल छोड़ गई यह त्रासदी
एक साथ चार जिंदगियों का अंत समाज के सामने कई गंभीर सवाल छोड़ गया है—क्या आर्थिक तंगी और कर्ज की वजह से कोई मां इतना बड़ा कदम उठा सकती है? क्या मजदूरी करने वाले परिवारों को मानसिक व सामाजिक सहयोग मिल पा रहा है?

भिवंडी पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच की जा रही है। पारिवारिक कलह, मानसिक तनाव, या अन्य किसी दबाव के कोण से भी जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक कारणों का खुलासा हो पाएगा।

गांव में पसरा मातम, सहमे लोग
घटना की खबर जैसे ही गांव पहुंची, हर तरफ सन्नाटा छा गया। ग्रामीण लालजी के पिता को ढांढस बंधा रहे हैं, लेकिन गांव की फिजा में एक सवाल तैर रहा है—कहीं ये मौतें हमारे समाज की चुपचाप होती त्रासदी की गूंज तो नहीं?

Location : 

Published :