

ईरान और इजरायल के बीच छिड़ी जंग, भारतीय लोगों के लिए मुसीबत बन चुका है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
ईरान में फंसे 300 भारतीय
कौशांबी: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के करीब 300 छात्र और धार्मिक शिक्षक ईरान में बकरीद के बाद मोहर्रम में शरीक होकर भारत लौटने की तैयारी में थे। लेकिन इसी दौरान ईरान और इज़रायल के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए और 13 जून 2025 से सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं। इससे उनके वतन लौटने पर अनिश्चितता छा गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, दरअसल, बकरीद के बाद मुहर्रम जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में कौशांबी से लोग ईरान के पवित्र शहरों की यात्रा पर गए थे। इसी बीच ईरान-इज़रायल टकराव तेज हो गया। देश के कई एयरबेस बंद हो चुके हैं और हवाई हमलों के चलते हालात बेहद खराब हैं।
ईरान के कई शहरों में मिसाइल हमलों और सायरनों की आवाजें आम हो चुकी हैं। फंसे हुए भारतीय सुरक्षित स्थानों पर छिपकर दिन बिता रहे हैं। रामपुर सुहेला, मंझनपुर, अमुरा, सरैंया, अगियौना, पूरामुफ्ती, फैजीपुर जैसे गांवों के परिवार बेहद परेशान हैं। हर किसी के चेहरे पर अपने प्रियजनों की सलामती की चिंता साफ झलक रही है।
सूत्रों की मानें तो अब इन छात्रों और धर्मगुरुओं की भारत वापसी के लिए ईराक, अफगानिस्तान, सीरिया या लेबनान के रास्तों पर विचार किया जा रहा है। लेकिन युद्ध के माहौल में ये रास्ते भी जोखिम भरे और असुरक्षित माने जा रहे हैं।
हर घर से बस एक ही मांग उठ रही है—सरकार जल्द कोई ठोस कदम उठाए। मोहम्मद जैगम नाम के एक व्यक्ति ने कहा कि "इस बार मुहर्रम उनके बिना ही गुजरेगा", जिससे गांवों में मायूसी है। अब हर निगाह भारत के विदेश मंत्रालय पर टिकी है कि वह कैसे अपने नागरिकों को सुरक्षित देश वापस लाता है।
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