

महराजगंज के एक निजी हॉस्पिटल में ऑपरेशन के बाद इंजीनियर दिनेश कुशवाहा की मौत पर परिजनों ने इलाज में गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। गमजदा परिजन डीएम, एसपी और सीएमओ से न्याय की गुहार लगा चुके हैं। जांच रिपोर्ट शुक्रवार को आनी है, जिसे लेकर परिजनों में उम्मीद और गुस्सा दोनों है। जानिए पूरी खबर
लापरवाही से इंजीनियर की मौत
महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के निचलौल क्षेत्र के मोजरी गांव में उस समय कोहराम मच गया जब गांव के होनहार इंजीनियर की असमय मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि महराजगंज नगर स्थित एक निजी हॉस्पिटल की लापरवाही ने उनके घर के चिराग को बुझा दिया। मृतक दिनेश कुशवाहा, उम्र लगभग 22 वर्ष, नेपाल के परासी जिले में इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे और परिवार के इकलौते बेटे थे।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को मिली जानकारी के मुताबिक, जून माह में दिनेश को पेट में पथरी की शिकायत हुई थी। परिजन इलाज के लिए उन्हें महराजगंज नगर के एक निजी हॉस्पिटल लेकर गए, जहां दूरबीन पद्धति से उनका ऑपरेशन किया गया। परिजनों का कहना है कि ऑपरेशन के बाद हालत लगातार बिगड़ती गई, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने गंभीरता से इलाज करने के बजाय देर कर दी। आखिरकार स्थिति बिगड़ने पर उन्हें गोरखपुर रेफर कर दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
ग्रामीण अब न्याय की मांग
परिजनों का आरोप है कि जब मरीज की हालत संभालना अस्पताल के बस की बात नहीं थी, तो उन्हें समय से रेफर क्यों नहीं किया गया? यह लापरवाही ही मौत की वजह बनी। इकलौते बेटे की मौत से गमगीन परिवार और ग्रामीण अब न्याय की मांग को लेकर अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।
दोषियों पर कार्रवाई की मांग
गुरुवार को मृतक के परिजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से मिले और जांच रिपोर्ट जल्द सार्वजनिक कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। परिजनों का कहना है कि अब तक उन्हें केवल आश्वासन ही मिला है, लेकिन वे हार मानने को तैयार नहीं हैं।
आंदोलन करने के लिए मजबूर
सीएमओ ने बताया कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है और शुक्रवार को रिपोर्ट उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी। वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि यदि दोषी अस्पताल पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
इकलौते बेटे के असमय निधन से टूटा परिवार न्याय की दरकार में आज भी दर–दर भटक रहा है। परिजनों की यही मांग है कि दोषियों को सजा मिले ताकि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसी त्रासदी न झेलनी पड़े।