

बिजनौर जिले के नगीना रेलवे फाटक पर रेत से भरी एक ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉली रेलवे ट्रैक पर फंस गई। इस कारण घंटों तक रेल सेवा बाधित रही और मेमो ट्रेन प्लेटफार्म तक नहीं पहुंच सकी। जाम की स्थिति बनी रही लेकिन रेलवे प्रशासन ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की।
रेलवे ट्रैक पर फंसी ट्रैक्टर-ट्रॉली
Bijnor: बिजनौर जिले के नगीना कस्बे में सोमवार को एक बड़ी लापरवाही सामने आई जब रेत से भरी एक ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉली नगीना डबल फाटक (गेट संख्या 471-B) पर अचानक फंस गई। यह घटना सुबह के समय हुई, जब फाटक बंद होने ही वाला था और उसी दौरान तेजी से निकलने की कोशिश में ट्रैक्टर ट्रॉली ट्रैक पर फंस गई।
घटना के बाद मुरादाबाद डिविजन की एक मेमो ट्रेन ट्रैक पर ही खड़ी रह गई और प्लेटफार्म पर नहीं पहुंच सकी। ट्रेन के कई यात्री घंटों तक ट्रैक पर फंसे रहे और गर्मी में परेशान होते रहे। जाम की स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि ट्रैक के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
घटना के चलते रेलवे की सामान्य सेवाएं भी बाधित रहीं। ट्रैक पर खड़ी ट्रेन की वजह से अन्य ट्रेनों की आवाजाही पर भी असर पड़ा। यात्रियों को प्लेटफार्म तक पहुंचने में काफी परेशानी हुई और कई यात्री तो पैदल ही स्टेशन तक पहुंचे।
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घटना के एक घंटे से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद न तो रेलवे विभाग और न ही जिला प्रशासन की ओर से कोई तत्काल कार्रवाई की गई। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में अवैध खनन का धंधा खुलेआम चल रहा है और ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की आवाजाही पर किसी का नियंत्रण नहीं है।
नगीना और आसपास के इलाकों में लंबे समय से रेत का अवैध खनन जारी है। ऐसे में ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉली खुलेआम सड़कों और रेलवे फाटकों से होकर गुजरती हैं। सोमवार की यह घटना इसी लापरवाही का परिणाम है। ट्रॉली के ट्रैक पर फंसने से यह साफ हो गया कि अवैध खनन केवल पर्यावरण ही नहीं, आमजन और रेलवे जैसी आवश्यक सेवाओं के लिए भी खतरा बन चुका है।
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घटना के बाद स्थानीय लोगों में नाराजगी देखी गई। उन्होंने मांग की कि रेलवे ट्रैक पर इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सख्त निगरानी और कार्यवाही होनी चाहिए। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें साझा कर रेलवे प्रशासन की निष्क्रियता की आलोचना की।