

जनपद से हैरान करने वाला वाकया सामने आय़ा है। जिले के नौतनवा नगर पालिका के राजेंद्र नगर वार्ड निवासी लव कुमार पटवा चूड़ियों को फेरी लगाकर बेचते थे और अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। करीब एक साल पहले लव पटवा की पत्नी की मौत हो गयी। अब लव पटवा के दो बच्चे अनाथ हो गये।
ठेले पर पिता का शव लेजाते बच्चे
Maharajganj: महराजगंज जनपद से एक हैरान करने वाला वाकया सामने आय़ा है। जिले के नौतनवा नगर पालिका के राजेंद्र नगर वार्ड निवासी लव कुमार पटवा चूड़ियों को फेरी लगाकर बेचते थे और अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। करीब एक महीने पहले लव पटवा की पत्नी की मौत हो गयी।
परिवार में लव के अलावा दो पुत्र 12 वर्ष का राजवीर और दस साल का देवराज बचे। नीयती की मार देखिये तीन दिन पहले लव कुमार की अचानक तबियत खराब हो गयी और इलाज के अभाव में गरीबी के चलते घर में पड़े-पड़े दम तोड़ दिया। दोनों मासूम पुत्रों को पता ही नहीं चला कि पिता की मौत हो गयी है। शव घर में पड़ा रहा। दो दिन बाद जब शव से बदबू आनी शुरु हुई तो आसपास के लोगों ने पता किया तब मौत की खबर सामने आय़ी।
पीड़ित को आर्थिक सहायता देते हुए पूर्व मंत्री सुशील कुमार टिबड़ेवाल
इसके बाद आसपास के किसी भी व्यक्ति ने इन दोनों मासूमों की कोई मदद नहीं की। न ही पुलिस-प्रशासन या नगर पालिका के लोग शव के अंतिम संस्कार के बारे में कुछ किये। किसी तरह दोनों मासूम पुत्रों ने अपने मृत पिता के शरीर को एक ठेले पर लादा और फिर ठेले पर लाश को रखकर श्मशान घाट पहुंचे। इनके पास लकड़ी खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। श्मशान घाट पर मौजूद आदमी ने कहा – “लकड़ी लाओ, तभी अंतिम संस्कार होगा।” मासूम वहां से हताश होकर पिता के शव को लेकर कब्रिस्तान की ओर निकल पड़े लेकिन वहां बताया गया कि यहां केवल अल्पसंख्यकों का अंतिम संस्कार होता है और यहां इन्हें दफन न करें। इसके बाद दोनों थके-हारे बच्चे पिता के शव को ठेले पर लादकर नदी में बहाने चल निकले।
नौतनवा के छपवा के पास ठेले पर शव को देखे अन्य समुदाय के एक युवक ने बच्चों से पूरी घटना की जानकारी ली और खुद मदद के लिये आगे आते हुए हिंदू रीति रिवाज के अनुसार लव कुमार के शव का अंतिम संस्कार कराया। देवदूत बनकर पहुँचे दूसरे समुदाय के इस युवक ने मानवता की जो अनोखी मिशाल पेश की उसकी सभी सराहना कर रहे हैं।
यह खबर जब उत्तर प्रदेश के चप्पे-चप्पे पर नजर रखने वाले चैनल डाइनामाइट न्यूज़ पर चली तब जाकर लोगों को मन को झकझोर देने वाली इस घटना की जानकारी मिली। सवाल यह था कि क्यों नहीं प्रशासन के किसी भी अफसर ने अंतिम-संस्कार की व्यवस्था करायी। इस घटना के बाद मृत के घर नौतनवा उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री सुशील कुमार टिबड़ेवाल पहुंचे और उनके साथ सपा जिलाध्यक्ष विद्यासागर यादव और स्थानीय पदाधिकारी बैजू यादव आदि मौजूद रहे।
पूर्व मंत्री ने समाजवादी पार्टी की तरफ से बच्चों को तात्कालिक आर्थिक सहायता दी और कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तक इस मामले को पहुंचाया जायेगा और इस परिवार की और मदद की जायेगी। हैरानी की बात तो यह भी है कि प्रशासन के अलावा कोई जनप्रतिनिधि भी इन गरीब बच्चों की मदद तो दूर खैर-खबर तक लेने नहीं पहुंचा।