

बदायूं जिला अस्पताल से दरोगा की मां की हत्या का आरोपी और कुख्यात हिस्ट्रीशीटर धीरेंद्र इलाज के दौरान पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। पैर में गोली लगने के बाद वह अस्पताल में भर्ती था। आरोपी के फरार होने के बाद पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
कुख्यात हिस्ट्रीशीटर धीरेंद्र जिला अस्पताल से फरार
Budaun: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसने न केवल पुलिस प्रशासन को हिला दिया है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। दरोगा मनवीर सिंह की मां की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया कुख्यात हिस्ट्रीशीटर धीरेंद्र इलाज के दौरान जिला अस्पताल से फरार हो गया है।
पुलिस एनकाउंटर में हुआ था गिरफ्तार
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, आरोपी धीरेंद्र को एक दिन पहले ही पुलिस मुठभेड़ के दौरान घायल अवस्था में गिरफ्तार किया गया था। उसके पैर में गोली लगने के कारण उसे इलाज के लिए बदायूं के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन 16 अगस्त की रात, उसने पुलिस सुरक्षा में चूक का फायदा उठाते हुए शौचालय जाने का बहाना बनाया और भाग निकला।
कई मुकदमों में वांछित था आरोपी
धीरेंद्र पर हत्या, लूट और रंगदारी जैसे 12 से अधिक संगीन मुकदमे दर्ज हैं। वह इस्लामनगर थाना क्षेत्र के मौसमपुर का रहने वाला है। 11 अगस्त को हापुड़ जिले के बहादुरगढ़ क्षेत्र में उसने कथित रूप से दरोगा मनवीर सिंह की मां की हत्या कर दी थी। इसके चार दिन बाद पुलिस ने उसे मुठभेड़ में पकड़ लिया और जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था।
फरारी के समय दो पुलिसकर्मी थे तैनात
सूत्रों के अनुसार, फरारी के वक्त अस्पताल के हड्डी वार्ड में आरोपी की सुरक्षा के लिए हेड कॉन्स्टेबल धर्मेंद्र सिंह और सिपाही कुशहर तैनात थे। लेकिन शौचालय ले जाने के दौरान धीरेंद्र ने पुलिस को चकमा देकर भागने में सफलता हासिल कर ली। इस घटना के बाद पुलिस महकमे में भारी हड़कंप मच गया है।
जगह-जगह सघन चेकिंग अभियान शुरू
धीरेंद्र की फरारी के बाद पुलिस की कई टीमें सक्रिय कर दी गई हैं। बदायूं में रोडवेज बस अड्डा, रेलवे स्टेशन, जंगलों और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ ही जिला अस्पताल और आसपास के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है, ताकि आरोपी के भागने की पूरी कड़ी सामने लाई जा सके।
पुलिस लापरवाही पर उठे सवाल
इस घटना ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना अहम होगा कि पुलिस कितनी जल्दी आरोपी को फिर से पकड़ने में कामयाब होती है।