

गोरखपुर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भक्ति, उल्लास और सांस्कृतिक रंगों से सराबोर रहा। पुलिस लाइन में 16-17 अगस्त 2025 की रात आयोजित कार्यक्रम में श्रीकृष्ण की लीलाओं को भजन, नृत्य और झांकियों के माध्यम से जीवंत किया गया। सम्मान समारोह और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति ने आयोजन को और विशेष बना दिया।
पुलिस लाइन में मनाई गई जन्माष्टमी
Gorakhpur: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व गोरखपुर में पूरे धूमधाम और भक्ति भाव के साथ मनाया गया। पुलिस लाइन, गोरखपुर में बीती रात आयोजित भव्य कार्यक्रम ने सभी के दिलों को छू लिया। इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य जीवन प्रसंगों को भजन, कीर्तन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया, जिसने उपस्थित जनसमूह को भक्ति के रंग में सराबोर कर दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, कार्यक्रम की शुरुआत मधुर भजनों से हुई, जिनमें "हरे रामा, हरे कृष्णा" और "गोविंद बोलो, हरि गोपाल बोलो" जैसे भक्ति भजनों ने वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया। स्थानीय कलाकारों और पुलिस कर्मियों ने श्रीकृष्ण के बाल लीलाओं, रासलीला और गीता उपदेश को नृत्य, नाटक और गायन के माध्यम से प्रस्तुत किया।
माखन चोरी के दृश्य ने मोह लिया मन
खासतौर पर राधा-कृष्ण की झांकी और माखन चोरी के दृश्य ने दर्शकों का मन मोह लिया। बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर कोई भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं में खोया नजर आया आयोजन की शोभा तब और बढ़ गई, जब उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।
सांसद रवि किशन कार्यक्रम में हुए शामिल
सांसद रवि किशन ने किया संबोधित
पुरस्कार वितरण समारोह में सभी के चेहरों पर गर्व और उत्साह की चमक साफ झलक रही थी। इस मौके पर माननीय सदस्य विधान परिषद डॉ. धर्मेंद्र सिंह और सांसद रवि किशन शुक्ल ने अपने संबोधन में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन दर्शन और कर्मयोग की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण का जीवन हमें प्रेम, कर्तव्य और साहस का संदेश देता है।
कार्यक्रम में ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम में एडीजी जोन गोरखपुर, डीआईजी परिक्षेत्र गोरखपुर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर राज करन नय्यर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। सभी ने एकजुट होकर इस पर्व को उत्सव के रूप में मनाया। पुलिस लाइन का प्रांगण रंग-बिरंगी रोशनी, फूलों की सजावट और भक्ति संगीत से गूंज उठा।
कार्यक्रम में भारी तादाद में जुटे लोग
यह आयोजन न केवल एक धार्मिक उत्सव था, बल्कि यह सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का भी प्रतीक बना। गोरखपुरवासियों के लिए यह जन्माष्टमी अविस्मरणीय रही, जिसने भक्ति, कला और समुदाय के बीच एक अनोखा मेल प्रस्तुत किया। इस दौरान, श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर भजनों में लीन हो गए। स्थानीय कलाकारों और पुलिसकर्मियों ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं, माखन चोरी, रासलीला और गीता ज्ञान को सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के रूप में सजीव किया।