

फतेहपुर के तेलियानी ब्लॉक के कोराई गांव में बुधवार को दूधेश्वर मंदिर प्रांगण में आयोजित विशाल दंगल ने हजारों की भीड़ को अपनी ओर आकर्षित किया। इस पारंपरिक आयोजन में उत्तर प्रदेश समेत हरियाणा, दिल्ली, बिहार, मध्यप्रदेश और नेपाल से आए 50 से अधिक पहलवानों ने अखाड़े में अपना दमखम दिखाया। पढ़ें पूरी खबर
फतेहपुर : उत्तर प्रदेश फतेहपुर के तेलियानी ब्लॉक के कोराई गांव में बुधवार को दूधेश्वर मंदिर प्रांगण में आयोजित विशाल दंगल ने हजारों की भीड़ को अपनी ओर आकर्षित किया। इस पारंपरिक आयोजन में उत्तर प्रदेश समेत हरियाणा, दिल्ली, बिहार, मध्यप्रदेश और नेपाल से आए 50 से अधिक पहलवानों ने अखाड़े में अपना दमखम दिखाया।
500 ग्राम की चांदी की गदा इनाम स्वरूप प्रदान
जानकारी के मुताबिक, प्रतियोगिता में इस बार श्याम झांसी विजेता बने, जिन्हें 1 लाख रुपये नकद व 500 ग्राम की चांदी की गदा इनाम स्वरूप प्रदान की गई। वहीं अंकुश बिंद उपविजेता रहे। नेपाल से लक्की थापा, मध्यप्रदेश भिंड से हरनाम सिंह, हरियाणा से अंकित, दिल्ली से मोंटी, और यूपी से सुरेश, जाहिद, अशोक, देव कुमार, परवेज, हंसराज सहित नामी पहलवानों ने दर्शकों का दिल जीता।कोराई ग्राम प्रधान प्रतिनिधि दीपेंद्र सिंह पटेल, बाबा ध्यान सिंह, वीरेंद्र सिंह पटेल, दीपक दुबे मौजूद रहे। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष राज कुमार मौर्य और बीजेपी के देवमई मंडल प्रभारी अभिषेक त्रिवेदी भी कार्यक्रम में पहुंचे।
ऐतिहासिक दंगल लगभग 200 वर्षों से लगातार आयोजित
कोराई के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि दीपेंद्र सिंह पटेल ने कहा, “कोराई में यह ऐतिहासिक दंगल लगभग 200 वर्षों से लगातार आयोजित होता आ रहा है। यह गांव की पहचान और परंपरा है, जिसे हर हाल में संजोकर रखा जाएगा। यहां दूर-दूर से पहलवान आकर अपने हुनर का प्रदर्शन करते हैं, जिससे गांव की प्रतिष्ठा बढ़ती है।”वहीं बीजेपी के देवमई मंडल प्रभारी अभिषेक त्रिवेदी ने कहा इसे संगठन की शक्ति भी मजबूत करने वालाऔर समाज में भाईचारे व सद्भाव का संदेश देने वाला आयोजन बताया।
दंगल वर्षों से इस परंपरा को जीवित रखे...
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रभारी मंत्री राकेश सचान ने भी दंगल में हिस्सा लिया और कहा, “कुश्ती भारतीय परंपरा का अटूट हिस्सा है। कोराई का दंगल वर्षों से इस परंपरा को जीवित रखे हुए है। सरकार हमेशा ऐसे आयोजनों को बढ़ावा देने के लिए संकल्पित है, ताकि ग्रामीण प्रतिभाएं आगे आकर राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच सकें।”ग्रामीणों ने बताया कि दंगल सिर्फ खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि मेले का रूप लेकर पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल बनाता है। झूले, मिठाई और दुकानों ने आयोजन को और भी आकर्षक बना दिया।