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मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. ए.के. सिंह ने दबाव के चलते डॉ. पीयूष को रसूलाबाद से हटाकर रंजीतपुर मैथा PHC में तैनात कर दिया था। स्थानांतरण की जानकारी मिलते ही, झींझक CHC में बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी इकठ्ठा हो गए और उन्होंने डॉ. पीयूष त्रिपाठी की नियुक्ति के विरोध में जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया।
चिकित्साधीक्षक पर भ्रष्टाचार के आरोप
Kanpur: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में स्वास्थ्य विभाग में इन दिनों लगातार विवाद और असंतोष की स्थिति बनी हुई है। मामला तब और गरम हो गया, जब रसूलाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तत्कालीन चिकित्साधीक्षक डॉ. पीयूष त्रिपाठी का शराब की बोतल के साथ पुराना रील वीडियो वायरल हो गया। इस घटना के बाद, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. ए.के. सिंह ने दबाव के चलते डॉ. पीयूष को रसूलाबाद से हटाकर रंजीतपुर मैथा PHC में तैनात कर दिया था।
स्थानांतरण होते ही मचा बवाल
मंगलवार को एक बार फिर विभाग में हलचल मच गई, जब जिले में डॉक्टरों के स्थानांतरण आदेश जारी किए गए। इस सूची में डॉ. पीयूष त्रिपाठी को झींझक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नया चिकित्साधीक्षक बना दिया गया। वहीं, झींझक के वर्तमान इंचार्ज डॉ. दीपक गुप्ता को स्थानांतरित कर रसूलाबाद CHC का प्रभारी बनाया गया।
स्थानांतरण की जानकारी मिलते ही, झींझक CHC में बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मी इकठ्ठा हो गए और उन्होंने डॉ. पीयूष त्रिपाठी की नियुक्ति के विरोध में जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके चलते, करीब डेढ़ घंटे तक OPD सेवाएं ठप रहीं, जिससे बहुत मरीजों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ा।
स्वास्थ्यकर्मियों ने रखी ये मांगे
प्रदर्शन की सूचना पर डिप्टी CMO डॉ. डी.के. सिंह मौके पर पहुंचे और स्वास्थ्यकर्मियों से बातचीत की। स्वास्थ्यकर्मियों की दो प्रमुख मांगें थीं- पहली, डॉ. दीपक गुप्ता को झींझक CHC से न हटाया जाए, और दूसरी, डॉ. पीयूष त्रिपाठी को झींझक का इंचार्ज न बनाया जाए, क्योंकि उन पर पहले से गंभीर आरोप लगे थे।
करीब पांच घंटे तक बातचीत और विवाद के बाद जिला कुष्ठ रोग अधिकारी शलभ मोहन भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों की शिकायतों को गंभीरता से सुनते हुए उचित समाधान का भरोसा दिलाया। स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी मांगों का लिखित पत्र भी अधिकारियों को सौंपा। इसके बाद धरना समाप्त कर दिया गया और अस्पताल की व्यवस्था सामान्य हो पाई।