

हमीरपुर जिले में एक बंदी की जेल में संदिग्ध मौत के बाद बवाल मच गया। मृतक के शरीर पर चोंट के निशान मिले हैं, जिससे हत्या की आशंका जताई जा रही है। परिजनों ने जेल प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
परिजनों में मचा कोहराम
Hamirpur: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में जिला कारागार में एक वांछित अपराधी की संदिग्ध हालत में मौत हो गई, जिसके बाद जेल प्रशासन के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ। मृतक के शरीर में मिले चोट के निशान इस बात की गवाही दे रहे हैं कि उसकी जिला कारागार में पीट-पीट कर हत्या की गई है। परिजनों ने जेल प्रशासन पर मुकदमा दर्ज कराए जाने की मांग को लेकर खूब हंगामा किया।
दरअसल, यह घटना 11 सितंबर को सामने आई, जब सूरजपुर गांव के निवासी अनिल द्विवेदी को एससी एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। अनिल के खिलाफ एक लंबित वारंटी थी, जिसे लेकर पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था। लेकिन 14 सितंबर को उसकी मौत की खबर ने परिवार वालों को हिला कर रख दिया।
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जब मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, तो डॉक्टर्स ने बताया कि शरीर पर गंभीर चोटों के निशान हैं, जो यह संकेत देते हैं कि अनिल द्विवेदी की जेल में पिटाई करके हत्या की गई। इस बात को लेकर परिजनों ने जेल प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई और शव को लेने से मना कर दिया।
मृतक के परिवार वालों का कहना था कि जब तक जेल प्रशासन पर मुकदमा दर्ज नहीं होगा, वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इस विरोध के बाद, विधायक, जिला अध्यक्ष और अन्य प्रशासनिक अधिकारी परिजनों को समझाने के लिए आगे आए, लेकिन वे अपनी मांगों पर अडिग रहे। आखिरकार मृतक की पत्नी पूजा द्विवेदी की तहरीर पर शाम को जेलर, डिप्टी जेलर और अन्य जेल कर्मचारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया और शव को गांव ले जाकर अंतिम संस्कार किया।
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इस घटना ने न केवल हमीरपुर जिले में बल्कि पूरे प्रदेश में राजनीतिक हलचल मचा दी है। विपक्षी पार्टियां इस मामले को लेकर सरकार पर सवाल उठा रही हैं। जेल प्रशासन की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मामले की जांच में तेजी लाने की मांग उठ रही है।