गोरखपुर: बांसगांव में किशोरी की फांसी लगाकर आत्महत्या, परिजनों में कोहराम

बांसगांव थाना क्षेत्र के ग्राम जिगिना भियांव से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। शनिवार देर रात करीब 9:45 बजे 16 वर्षीय किशोरी सुप्रिया, पुत्री प्रभुनाथ, ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 7 September 2025, 11:25 AM IST
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Gorakhpur: बांसगांव थाना क्षेत्र के ग्राम जिगिना भियांव से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। शनिवार देर रात करीब 9:45 बजे 16 वर्षीय किशोरी सुप्रिया, पुत्री प्रभुनाथ, ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस दुखद घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। सुप्रिया की असामयिक मृत्यु की खबर फैलते ही परिजनों और आसपास के लोगों में शोक और आक्रोश का माहौल छा गया।

सूचना मिलते ही बांसगांव पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने की प्रक्रिया शुरू की। किशोरी को परिजन तुरंत बांसगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले गए, जहां आपातकालीन कक्ष में तैनात डॉक्टर ने प्राथमिक जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने बताया कि सुप्रिया की मृत्यु फांसी के फंदे पर लटकने के कारण हुई।

परिजनों के अनुसार, सुप्रिया पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव से जूझ रही थी। उसके पिता प्रभुनाथ ने बताया कि वह अक्सर अकेले रहना पसंद करती थी और कम बोलती थी। उन्होंने कहा, “हमें उसकी इस प्रवृत्ति पर ध्यान देना चाहिए था, लेकिन हम इसे गंभीरता से नहीं ले सके। आज उसने ऐसा कदम क्यों उठाया, यह समझ से परे है।” परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और गांव में मातम का माहौल है।

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पुलिस ने प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या का मामला माना है, लेकिन घटना के पीछे की परिस्थितियों को समझने के लिए गहन जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी ने बताया कि परिवार के बयान दर्ज किए गए हैं और सभी संभावित पहलुओं की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मृत्यु के कारणों और परिस्थितियों पर और स्पष्टता आएगी।

स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन इस घटना से स्तब्ध हैं। कई लोगों ने किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “ऐसी घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति हम कितने लापरवाह हैं।” सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और परामर्श सेवाओं को बढ़ावा देने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि किशोरों और युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना कितना घातक हो सकता है। बांसगांव पुलिस ने परिजनों को हरसंभव सहायता और न्याय का भरोसा दिलाया है। इस दुखद घटना ने न केवल सुप्रिया के परिवार, बल्कि पूरे समुदाय को गहरे शोक में डुबो दिया है।

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