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गोरखपुर के बेलीपार पुलिस ने मानसिक रूप से विक्षिप्त 63 वर्षीय बुजुर्ग महिला को सुरक्षित परिजनों से मिलाकर मानवता का परिचय दिया। ग्रामीणों की सूचना पर सक्रिय हुई पुलिस ने उसकी पहचान खोजकर परिवार के हवाले किया। पढ़ें पूरी खबर
गोरखपुर पुलिस की मिसाल (सोर्स- डाइनामाइट न्यूज़)
Gorakhpur: यूपी के गोरखपुर जनपद के थाना बेलीपार पुलिस ने एक बार फिर संवेदनशीलता और तत्परता का अनूठा उदाहरण पेश किया। पुलिस ने मानसिक रूप से विक्षिप्त 63 वर्षीय बुजुर्ग महिला को सुरक्षित उनके परिवार के हवाले कर मानवता का परिचय दिया।
इस कार्रवाई ने न केवल पुलिस की कार्यशैली पर लोगों का भरोसा मजबूत किया, बल्कि यह भी साबित किया कि गोरखपुर पुलिस मानवीय जिम्मेदारियों के प्रति भी उतनी ही प्रतिबद्ध है जितनी कानून-व्यवस्था को लेकर।
सुबह के समय ग्राम भरवल के पास ग्रामीणों ने एक बुजुर्ग महिला को अकेले भटकते हुए देखा। बातचीत करने पर महिला अपनी पहचान, पता या किसी भी तरह की निजी जानकारी देने में असमर्थ थीं। ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना थाना बेलीपार पुलिस को दी। संदेश मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुँची और महिला को सुरक्षित अपने साथ थाने ले आई।
थाना प्रभारी के निर्देशन में टीम ने महिला की पहचान के लिए तुरंत प्रयास शुरू कर दिए। पुलिस ने आसपास के गांवों में पूछताछ, स्थानीय लोगों से बातचीत और उपलब्ध सूचनाओं का विश्लेषण जैसी कई प्रक्रियाओं को तेजी से आगे बढ़ाया। कुछ ही समय में पुलिस को महिला के परिजनों का पता मिल गया, जो बीते कुछ दिनों से उनकी तलाश में भटक रहे थे।
थाने लाए जाने के बाद महिला की शारीरिक व मानसिक स्थिति को देखते हुए पुलिस ने उनकी उचित देखभाल सुनिश्चित की।
पानी, भोजन और सुरक्षा के साथ महिला को सकुशल थाने में रखा गया। जब परिजन पहुंचे, तो अपनी मां को देखकर उनकी आंखों में आंसू आ गए। परिजनों ने बेलीपार पुलिस की तत्परता, संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण की खुलकर तारीफ की।
थाना बेलीपार (सोर्स- गूगल)
यह पूरी कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देशन, पुलिस अधीक्षक दक्षिणी के मार्गदर्शन और क्षेत्राधिकारी बांसगांव के पर्यवेक्षण में की गई। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि गोरखपुर पुलिस हर स्तर पर मानवता, सुरक्षा और जिम्मेदारी के संवेदनशील मामलों को गंभीरता से लेती है।
स्थानीय नागरिकों ने कहा कि मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों की मदद करना समाज और पुलिस दोनों की सामूहिक जिम्मेदारी है। पुलिस ने जिस तत्परता, जिम्मेदारी और सम्मान के साथ बुजुर्ग महिला की सहायता की, वह प्रशंसनीय और प्रेरणादायी है।
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यह घटना एक बार फिर इस बात को रेखांकित करती है कि जब पुलिस और जनता मिलकर काम करते हैं, तो समाज में सुरक्षा, विश्वास और मानवीयता और अधिक मजबूत होती है। बेलीपार पुलिस की यह कार्रवाई निस्संदेह पुलिस-जन सहयोग का उत्कृष्ट उदाहरण बनकर सामने आई है।