Gorakhpur News: सहजनवा में किसानों का हंगामा, सूखी नहर में उतरकर जताया विरोध

गोरखपुर के सहजनवा क्षेत्र में रामपुर सरजू नहर सूखने से परेशान किसानों ने नहर में उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। किसानों का कहना है कि समय पर पानी नहीं मिला तो धान की पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 13 July 2025, 9:25 AM IST
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Gorakhpur: गोरखपुर के सहजनवा क्षेत्र में रामपुर सरजू कैनाल में पानी की आपूर्ति ठप होने से किसानों का आक्रोश फूट पड़ा। शनिवार को बड़ी संख्या में किसानों ने सूखी नहर में उतरकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने सिंचाई विभाग की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए तत्काल नहर में पानी छोड़े जाने की मांग की। प्रदर्शन का नेतृत्व क्षेत्र पंचायत सदस्य राधेश्याम यादव ने किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, राधेश्याम यादव ने कहा कि यह नहर सहजनवा क्षेत्र की कृषि जीवनरेखा है और सैकड़ों किसानों की आजीविका इससे जुड़ी है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते नहर में पानी नहीं पहुंचा तो धान की पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा।

धान की फसल पर संकट

प्रदर्शन में दुल्टही, सिधौली, बैदवली, बरसिहा, रामपुर चेचुआपार सहित आधा दर्जन से अधिक गांवों के किसान शामिल हुए। इन सभी गांवों की खेती का प्रमुख स्रोत यही नहर है। लेकिन लंबे समय से नहर सूखी है, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है।

किसानों का कहना है कि जुलाई के मध्य तक धान की रोपाई का समय होता है, लेकिन पानी की अनुपलब्धता के कारण रोपाई शुरू नहीं हो पा रही है। कुछ किसानों ने बारिश की आस में धान की नर्सरी तैयार की थी और खेतों में रोपाई भी शुरू कर दी, लेकिन समय पर बारिश न होने और नहर में पानी न आने से अब वो फसलें सूखने लगी हैं।

एक किसान रामसागर यादव ने बताया, हम हर साल इसी नहर से सिंचाई करते हैं, लेकिन इस बार विभाग की लापरवाही से खेती करना मुश्किल हो गया है। अगर समय पर पानी नहीं आया तो हम भारी कर्ज में डूब जाएंगे।

सिंचाई विभाग से पानी छोड़ने की मांग

प्रदर्शन कर रहे किसानों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि 48 घंटे के भीतर नहर में पानी नहीं छोड़ा गया, तो वे सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे।

इस बीच, मौके पर पहुंचे अवर अभियंता विनीत पांडेय ने किसानों को आश्वासन दिया कि नहर में पानी लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और दो दिनों के भीतर टेल तक पानी पहुंच जाएगा। हालांकि किसानों ने इस आश्वासन पर भरोसा नहीं जताया। उनका कहना है कि इससे पहले भी कई बार ऐसे वादे किए गए हैं, लेकिन धरातल पर कोई बदलाव नहीं हुआ।

किसानों ने मांग की है कि नहर की नियमित सफाई, समय पर जल आपूर्ति और निगरानी व्यवस्था की जिम्मेदारी तय हो। उनका कहना है कि यदि सिंचाई की व्यवस्था समय पर नहीं सुधरी तो आगामी फसल सीजन भी प्रभावित होगा और क्षेत्र में कृषि संकट गहराएगा।

गांवों में इस समस्या को लेकर तनाव का माहौल है। किसान अब जिला प्रशासन से ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम ने यह साफ कर दिया है कि समय पर सिंचाई जल उपलब्ध न होने से किसानों की परेशानियाँ किस हद तक बढ़ जाती हैं।

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