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गोरखपुर : तानाशाही का अंत: खजनी तहसीलदार का तबादला, नए अधिकारी से लोगों को बड़ी उम्मीदें, पढिए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
गोरखपुर में बड़ा उलटफेर
गोरखपुर: लंबे समय से खजनी तहसील (Khajni Tehsil) में चर्चा का केंद्र रहे तहसीलदार ख़जनी नरेंद्र कुमार (Tehsildar Khajni Narendra Kumar) को आखिरकार प्रशासन ने हटा दिया है। उनके तानाशाही रवैये, जनप्रतिनिधियों की अनदेखी और आम जनता के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतें आखिर रंग लाई हैं। अब उनकी जगह दुर्गेश सिंह को खजनी तहसील का नया तहसीलदार नियुक्त किया गया है, जिससे क्षेत्र में पारदर्शी और जनहितकारी प्रशासन की उम्मीदें फिर से जाग उठी हैं।
डाइनामाइट संवादाता अनुसार, तहसीलदार नरेंद्र कुमार पर आरोप था कि वे न तो जनता की सुनते थे और न ही क्षेत्रीय विधायकों या अधिवक्ताओं उनके तानाशाह रवैये से तंग था । जमीन विवादों में बिना पर्याप्त जांच के बुलडोजर चलवाना, जनप्रतिनिधियों की सलाह को नजर अंदाज करना और कार्यालय में लंबित फाइलों की भारी भरमार जैसे आरोपों ने उनके कार्यकाल को विवादों से भर दिया था। अधिवक्ताओं ने भी खुलकर मोर्चा खोला और उनके खिलाफ उच्चाधिकारियों से शिकायतें दर्ज कराईं।
डाइनामाइट संवादाता अनुसार प्रशासन ने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए त्वरित एक्शन लिया और नरेंद्र कुमार को कम्पियरगंज स्थानांतरित कर दिया गया। उनके स्थान पर दुर्गेश सिंह (durgesh singh) की नियुक्ति से स्थानीय लोगों में नई उम्मीद की लहर है। लोगों का मानना है कि अब तहसील कार्यालय में कामकाज की रफ्तार बढ़ेगी और पारदर्शिता आएगी।
स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह जीत है आम लोगों की आवाज़ की। यह संदेश भी गया है कि जनसेवा के नाम पर तानाशाही नहीं चलेगी। नवागत तहसीलदार दुर्गेश सिंह से लोगों को भरोसा है कि वे जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देंगे और खजनी तहसील को प्रशासनिक सुधार की नई मिसाल बनाएंगे।
यह स्थानांतरण सिर्फ एक प्रशासनिक बदलाव नहीं, बल्कि एक चेतावनी है उन अधिकारियों के लिए जो जनता की आवाज़ को अनसुना कर सत्ता का दुरुपयोग करते हैं। खजनी अब देख रहा है एक नए सूरज की ओर — जहां उम्मीदें हैं, पारदर्शिता है और जवाबदेही भी।
वहीं अब आने वाले समय में देखने वाली बात यह है कि, आखिर इस तबादले से क्या बदलाव होगा। इससे खजनी में बड़ा बदलाव देखने को मिलता है या फिर नहीं।