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गोरखपुर महिला थाना स्थित परिवार परामर्श केंद्र ने बबीता–गिरजेश के रिश्ते में नई जान डाली। लंबे समय से तनाव और गलतफहमियों के कारण टूटते रिश्ते को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में केंद्र की टीम ने काउंसलिंग के जरिए सुधारकर फिर से जोड़ा, जिससे दोनों परिवारों में मनमुटाव दूर हुआ।
बबीता-गिरजेश फिर लौटे घर
Gorakhpur: महिला थाना गोरखपुर स्थित परिवार परामर्श केंद्र की टीम ने एक बार फिर अपने उत्कृष्ट कार्य का प्रमाण देते हुए ऐसे दंपती के रिश्ते में नई जान डाल दी, जो बिखरने के कगार पर पहुंच चुका था। बबीता और गिरजेश के बीच लंबे समय से चल रहे तनाव, गलतफहमियों और आपसी मनमुटाव ने स्थिति को बेहद गंभीर बना दिया था। मामला लगातार बिगड़ता जा रहा था और दोनों परिवारों में भी दरार पड़ने लगी थी। ऐसे कठिन माहौल में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देशन में परिवार परामर्श केंद्र की टीम ने हस्तक्षेप किया और धैर्यपूर्वक काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू की।
प्रथम पक्ष बबीता और द्वितीय पक्ष गिरजेश के बीच कई दौर की नियमित एवं गहन काउंसलिंग की गई। काउंसलरों ने न केवल दोनों की समस्याओं को सुना बल्कि आपसी समझ बढ़ाने के साथ रिश्ते को बचाने के लिए सकारात्मक मार्गदर्शन भी दिया। टीम ने पति-पत्नी और दोनों परिवारों को समझाया कि संवादहीनता और छोटे-छोटे मतभेद किस तरह बड़े विवादों का रूप ले लेते हैं। धैर्य, सहयोग और पारस्परिक सम्मान से ही दांपत्य जीवन मजबूत बन सकता है।
लगातार प्रयासों का परिणाम यह हुआ कि बबीता और गिरजेश के बीच गलतफहमियों की दीवार धीरे-धीरे टूटने लगी। दोनों ने बिना किसी दबाव के एक-दूसरे को समझा, अपने-अपने व्यवहार में सुधार की बात स्वीकार की और भविष्य में मिलजुलकर जिम्मेदारियां निभाने का भरोसा दिया। दोनों परिवारों ने भी परामर्श केंद्र की बातों को गंभीरता से लिया और दंपती को नए सिरे से जीवन शुरू करने के लिए प्रेरित किया। अंततः पति-पत्नी ने साथ रहने का निर्णय लिया और खुशहाल जीवन की नई शुरुआत करने पर सहमति जताई।
इस प्रकरण में परामर्श केंद्र के काउंसलर श्री विकास रंजन मणि त्रिपाठी, श्री अवनीश चौधरी, उप निरीक्षक विनीत यादव, मु0आ0 अनीता यादव, आरक्षी अंतिमा तिवारी और आरक्षी शिखा श्री की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। टीम की पेशेवर दक्षता, संवेदनशीलता और संयम ही इस सफलता की सबसे बड़ी वजह बनी।
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परिवार परामर्श केंद्र गोरखपुर ने दंपती को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ विवाद खत्म कराना नहीं, बल्कि परिजनों को एकजुट कर समाज में सौहार्द और स्थिरता बनाए रखना है। बबीता और गिरजेश का पुनर्मिलन टीम की प्रतिबद्धता और प्रयासों का शानदार उदाहरण है, जो अन्य असंतुष्ट दंपतियों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगा।