Gorakhpur Bribe: गोरखपुर यूनिवर्सिटी में रिश्वतखोरी; एंटी करप्शन ने पकड़ा रंगेहाथ

गिरफ्तारी की खबर फैलते ही विश्वविद्यालय परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कर्मचारी और अधिकारी आपस में कानाफूसी करने लगे। शिक्षा के पावन प्रांगण में हुए इस काले कारनामे ने विश्वविद्यालय की गरिमा को गहरा धक्का पहुँचाया। भवन की गलियों में एक ही चर्चा गूँज रही थी—”क्या शिक्षा भी अब बोली पर बिकने लगी है?”

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 19 September 2025, 12:01 AM IST
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Gorakhpur: गोरखपुर में शिक्षा के मंदिर को पवित्रता और ज्ञान का आलोक फैलाना चाहिए, परंतु जब इस मंदिर के किसी पुजारी की आंचलिक चादर पर भ्रष्टाचार का दाग लग जाता है, तो समाज का माथा भी शर्म से झुक जाता है। ऐसा ही एक मामला गुरुवार को गोरखपुर यूनिवर्सिटी में सामने आया, जहाँ संबद्धता अनुभाग का अधीक्षक बृजनाथ सिंह एंटी करप्शन टीम के जाल में फँस गया।

शिक्षा की मान्यता के नाम पर मांगी घूस

कुशीनगर जिले के तमकुहीराज क्षेत्र के भरपटिया गांव निवासी संदीप कुशवाहा ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अधीक्षक बृजनाथ सिंह ने उनके महाविद्यालय वैष्णवी महिला महाविद्यालय, रामपुर राजा की मान्यता और सह-आचार्य की नियुक्ति का अनुमोदन करने के एवज में 50 हजार रुपए की अवैध मांग की। शिक्षा को उजियारा देने के नाम पर जब अंधेरों का व्यापार होने लगे, तो समाज की नींव हिलना स्वाभाविक है।

एंटी करप्शन टीम का जाल और कार्रवाई

शिकायत का संज्ञान लेते ही एंटी करप्शन टीम ने अपनी रणनीति बनाई और गुरुवार दोपहर विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन में ट्रैप ऑपरेशन संचालित किया। दोपहर 2:34 बजे जैसे ही शिकायतकर्ता ने तय रकम अधीक्षक को सौंपी, टीम ने साक्षीगण की मौजूदगी में उसे धर दबोचा। रिश्वत की रकम मौके पर ही बरामद कर सील की गई और आरोपी को तत्काल हिरासत में लेकर कैंट थाने भेजा गया।

विश्वविद्यालय में सनसनी

गिरफ्तारी की खबर फैलते ही विश्वविद्यालय परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कर्मचारी और अधिकारी आपस में कानाफूसी करने लगे। शिक्षा के पावन प्रांगण में हुए इस काले कारनामे ने विश्वविद्यालय की गरिमा को गहरा धक्का पहुँचाया। भवन की गलियों में एक ही चर्चा गूँज रही थी—"क्या शिक्षा भी अब बोली पर बिकने लगी है?"

आरोपी का अतीत और वर्तमान

देवरिया जिले के मईल क्षेत्र के पिपरा बांध गांव निवासी बृजनाथ सिंह वर्तमान में गोरखपुर के तारामंडल स्थित सिद्धार्थ इन्क्लेव में अपने परिवार संग रह रहा था। एंटी करप्शन अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ सामने आई हैं और रिश्वतखोरी के इस प्रकरण में ठोस साक्ष्य जुटा लिए गए हैं।

 

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