

गोंडा जिले में एक अहम अदालत ने केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह और उनके कुछ प्रतिनिधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश भूमि विवाद से जुड़े एक मामले में जारी किया गया है।
केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह
Gonda News: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में स्थित एक अदालत ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह और उनके प्रतिनिधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। अदालत ने यह आदेश भूमि विवाद के मामले में दिया है। जिसमें मंत्री, उनके प्रतिनिधि राजेश सिंह और अन्य तीन आरोपियों का नाम है। इस मामले में आरोप है कि मंत्री और उनके साथी दोषियों ने धोखाधड़ी से जमीन की रजिस्ट्री की और इसके बाद जमीन पर कब्जा करने के लिए दबाव डाला।
भूमि विवाद की शिकायत
यह मामला गोंडा जिले के मनकापुर थाने के भिटौरा एरिया से जुड़ा हुआ है। शिकायतकर्ता अजय सिंह ने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी के नाम रजिस्टर्ड जमीन को धोखे से दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया गया। उनका आरोप है कि जमीन को बेचने वाली व्यक्ति, बिट्टन देवी को बहलाकर और दबाव डालकर 3 साल पुराने स्टांप पेपर पर बैकडेटेड सेल डीड तैयार की गई। इस डीड में मिथिलेश रस्तोगी और कांती सिंह का नाम था।
केंद्र सरकार के मंत्री पर गंभीर आरोप
अजय सिंह का आरोप है कि इस मामले को लेकर उन्होंने पुलिस से शिकायत की थी, और पुलिस अधीक्षक ने जांच के आदेश दिए थे, जिससे आरोपों की पुष्टि भी हुई। बावजूद इसके, बाद में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट पेश कर मामले को बंद कर दिया। इसके बाद अजय सिंह ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
मामले में न्याय की उम्मीद
अजय सिंह ने कहा कि जब पुलिस ने मामले को बंद कर दिया, तो उन्होंने मार्च 2025 में कोर्ट में आपत्ति दर्ज करवाई, जिसके बाद अदालत ने फाइनल रिपोर्ट को खारिज कर दिया। इसके बाद कोर्ट ने मामले की जांच फिर से शुरू करने का आदेश दिया। इस बीच, राजेश सिंह और उनके सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल किया और अजय सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करवाए।
धमकियों का आरोप
अजय सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि राजेश सिंह और अन्य आरोपी उन्हें और उनकी पत्नी को धमका रहे थे, जिससे वे इस विवाद में समझौता करने के लिए मजबूर हों। आरोपियों की ओर से धमकियों की वजह से अजय सिंह ने कई बार पुलिस से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने अदालत का रुख किया, और अदालत ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
आरोपियों का पक्ष
इस मामले पर केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह के प्रतिनिधि राजेश सिंह ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी मीडिया से मिली है। उन्होंने कहा कि वह अदालत के आदेश की कॉपी मिलने के बाद ही इस मामले में कोई टिप्पणी करेंगे।