

बाराबंकी में एक किसान की करोड़ों की ज़मीन धोखाधड़ी का शिकार होते-होते बच गई। रजिस्ट्री के दौरान मामला खुला जब विक्रेता को फर्जी बैनामे की जानकारी मिली। किसान ने सीएम को शिकायत भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।
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Barabanki: बाराबंकी जनपद में एक गरीब किसान की बेशकीमती भूमि एक बड़े फर्जीवाड़े का शिकार होते-होते बच गई। यह मामला तब सामने आया, जब विक्रेता को अपनी दूसरी जमीन का बैनामा होते हुए रजिस्ट्री कार्यालय में पता चला, जबकि उसने तो सिर्फ अपनी कृषि भूमि बेचने का सौदा किया था। पीड़ित किसान ने इस धोखाधड़ी की शिकायत मुख्यमंत्री सहित उच्चाधिकारियों से की है और कार्रवाई की मांग की है।
पूरा मामला कुर्सी थाना क्षेत्र के ग्राम लिखना निवासी किसान रामसागर पुत्र पन्ना से जुड़ा है। रामसागर अपनी ओदरिया स्थित कृषि भूमि को 32 लाख रुपये में बेचने के उद्देश्य से तहसील फतेहपुर आया था। आरोपी नरेंद्र रावत पुत्र भारत, निवासी रसूलपुर कायस्थ, लखनऊ और उसके साथियों ने एक साजिश के तहत रामसागर से दो बैनामे करवा लिए। जब रजिस्ट्री कार्यालय में दस्तावेज प्रस्तुत किए गए तो रजिस्ट्री उपनिबंधक अवधेश कुमार मिश्रा के समक्ष असल जमीन की जगह अनवारी क्षेत्र की कीमती जमीन का बैनामा पेश किया गया।
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गौरतलब है कि अनवारी की यह जमीन लगभग तीन करोड़ रुपये मूल्य की बताई जा रही है, जबकि दस्तावेज़ में इसे 50 लाख रुपये का दिखाया गया और महज़ 3.93 लाख रुपये का स्टांप शुल्क अदा किया गया। पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान जब रामसागर से बयान दर्ज कराए गए, तब उसने स्पष्ट रूप से कहा कि उसने केवल ओदरिया की कृषि भूमि 32 लाख में बेची है और अब तक केवल 18 लाख रुपये ही खाते में मिले हैं। किसान की इस स्पष्ट गवाही से रजिस्ट्री कार्यालय में हड़कंप मच गया और फर्जीवाड़े की पोल खुल गई।
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किसान ने आरोपियों के खिलाफ जमकर हंगामा किया और तुरंत उच्चाधिकारियों को शिकायत भेजी। उसका कहना है कि यह सारा षड्यंत्र उसे धोखे में रखकर रचा गया और असल में उसकी करोड़ों की जमीन को हड़पने की कोशिश की गई। किसान का कहना है कि यदि समय रहते यह मामला सामने नहीं आता तो वह अपनी कीमती जमीन से हाथ धो बैठता।
रामसागर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य संबंधित अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजते हुए बकाया धनराशि दिलाने और षड्यंत्रकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं, उपनिबंधक ने पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेज दी है और आगे की जांच शुरू हो गई है।