बाराबंकी में प्रधानाध्यापक ने फर्जी हस्ताक्षर से उड़ाए 25 लाख, अब होगी रिकवरी

बाराबंकी के फतेहपुर क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय निर्माण के लिए आए 25 लाख की धनराशि में गड़बड़ी सामने आई है। जांच में दोषी पाए जाने पर प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया है। अब धनराशि की वापसी की प्रक्रिया शुरू की गई है, अन्यथा मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

Barabanki: बाराबंकी ज़िले के फतेहपुर शिक्षा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गौरा सैलक में प्राथमिक विद्यालय के निर्माण कार्य हेतु आवंटित 25 लाख रुपए की प्रथम किस्त में वित्तीय गड़बड़ी सामने आई है। इस गड़बड़ी के केंद्र में विद्यालय के प्रधानाध्यापक विद्या सागर हैं, जिन पर शासन द्वारा स्वीकृत धनराशि को फर्जी हस्ताक्षरों के माध्यम से विभिन्न खातों में स्थानांतरित करने का गंभीर आरोप है। इस मामले में की गई प्रारंभिक जांच में आरोपों की पुष्टि के बाद उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

कैसे मामला सामने आया?

यह मामला उस समय उजागर हुआ, जब विद्यालय निर्माण समिति के अध्यक्ष रामू ने खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को शिकायत पत्र सौंपा। शिकायत में यह कहा गया कि प्रधानमंत्री विद्यालय विकास योजना के अंतर्गत पीएफएमएस (PFMS) के खाते में आई लगभग 25 लाख की राशि को प्रधानाध्यापक ने फर्जी प्रपत्रों पर हस्ताक्षर कराकर अलग-अलग फर्मों के खातों में ट्रांसफर कर दिया। आरोप है कि यह हस्ताक्षर समिति के वास्तविक सदस्यों के नहीं थे।

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जांच के बाद होगी कार्रवाई

खंड शिक्षा अधिकारी आराधना मिश्रा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कमेटी गठित की। जांच में आरोप सही पाए गए और रिपोर्ट बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को भेजी गई। रिपोर्ट के आधार पर प्रधानाध्यापक विद्या सागर को तत्काल निलंबित कर दिया गया। बीएसए कार्यालय ने यह स्पष्ट किया कि यह एक गंभीर वित्तीय अनियमितता है और यदि धनराशि निर्धारित समय में वापस नहीं की गई तो संबंधित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

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25 लाख से जुड़ा मामला

अब इस पूरे मामले में अगला कदम उठाया गया है। बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से वह पूरी 25 लाख की राशि विद्यालय के एसएमसी (School Management Committee) खाते में वापस लाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। खंड शिक्षा अधिकारी आराधना मिश्रा ने बताया कि जैसे ही यह धनराशि विद्यालय समिति के खाते में वापस आ जाएगी, विद्यालय का निर्माण कार्य पुनः शुरू किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार निर्माण कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ समिति की निगरानी में कराया जाएगा।

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